एक रोज लड़की ने रेगिस्तान में बोयी
इश्क़ की बारिशपीले कनेर भर उठे बूंदों से
और धरती को लग गए पंख
एक रोज नदियों ने गुनगुनाए
कश्तियों के गीत
और मुसाफिरों ने जानबूझकर
गुमा दिये रास्ते
एक रोज दुनिया भर की सेनाओं ने
गुमा दिये सारे हथियार
और सरहदों पर उगाये
सफ़ेद फूल
एक रोज लड़के ने
लड़की के माथे पर टाँक दिया चुंबन
दुनिया सुनहरी ख्वाबों की आश्वस्ति से
भर उठी
एक रोज दुनिया भर की किताबें
प्रेम पत्रों में बदल गईं
और सारे मौसम बन गये डाकिये
इस दुनिया को ख़्वाब सा हसीन होना चाहिए....
6 comments:
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना
बहुत ही सुन्दर और भावपूर्ण रचना
वाह! बहुत खूबसूरत सृजन!
बहुत ही सुन्दर ...
वाह!!!
बहुत सुन्दर
काश ये प्रेम कथा यत्र यत्र सर्वत्र हो! गुम जाएं सभी सेनाओं के हथियार और सरहदों पर प्रेम के फूलों के अंतहीन उपवन हों! अभिनव रचना 👌👌👌🙏
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