- ममता सिंह
(अगर आपको जीवनी पढ़ना पसन्द है तो रूस की महान कवयित्री मारीना त्सेवेतायेवा की जीवनी ज़रूर पढ़नी चाहिए...
उथल पुथल,संघर्ष,देश से निर्वासन,ग़रीबी, बीमारी,बच्चों की मृत्यु के बीच भी लिखती हुई मारिया का जीवनवृत्त न केवल साहस और लिखने की छटपटाहट का चरम बिंदु है बल्कि यह आज के अंधेरे और आशाहीन समय में एक सम्बल भी है।)
'अजीब बात है हर कोई अपनी-अपनी लड़ाई अकेले लड़ रहा होता है फिर भी किसी कंधे की तलाश होती है,जिसके सर पर ठीकरा फोड़ा जा सके,सुनने में अटपटा लग सकता है,लेकिन अक्सर हम ठीकरा फोड़ने के लिए अपने प्रिय कंधे ही तलाशते हैं।' पृष्ठ 56
'असल में प्रेम हमारे भीतर ही होता है,कोई होता है,जो हमारे भीतर के उस प्रेम तक हमें पहुंचा देता है,जाने-अनजाने,उसके बाद हम ज़िन्दगी भर उसी प्रेम में जीते रहते हैं,अलग अलग लोगों से,चीज़ों से घटनाओं से जुड़ते रहते हैं,लेकिन केंद्र में वही होता है प्रेम' पृष्ठ 86
'मेरे पास वर्तमान में कोई ऐसी जगह नहीं थी,जहां मैं ख़ुद को सुरक्षित महसूस कर सकूं...न ही भविष्य की मुट्ठी में ऐसी कोई उम्मीद थी,इस इतनी बड़ी समूची दुनिया में मुझे मेरे लिए एक इंच जगह भी ऐसी नहीं नज़र आती थी,जहां मैं अपनी आत्मा को निर्विघ्न,बिना किसी डर के उन्मुक्त छोड़ सकूँ.मैं धरती के उस अंतिम टुकड़े पर हूं जिस पर मैं इसलिए खड़ी हूँ,क्योंकि मेरे होने से वह ख़त्म नहीं हो सका है.मैं इस छोटे से टुकड़े पर अपनी पूरी ताक़त से खड़ी हूँ.' पृष्ठ 213
किताब-मारीना
लेखक- प्रतिभा कटियार
प्रकाशक-संवाद प्रकाशन
पृष्ठ-259
मूल्य-300
3 comments:
नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा बुधवार (19-05-2021 ) को 'करोना का क़हर क्या कम था जो तूफ़ान भी आ गया। ( चर्चा अंक 4070 ) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
Nice 👍
बहुत सुंदर प्रस्तुति
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