Labels
छोटी कहानियां
दुनिया के मशहूर प्रेम पत्र
मेरी कवितायेँ
मेरी कहानियां
मेरी डायरी
मेरी पसंद
मेरे लेख
लॉक अनलॉक
Tuesday, February 24, 2009
mulakat
मुलाकातें मुझे अच्छी नहीं लगतीं। माथे टकरा जाते हैं।
जैसे दो दीवारें।
इस तरह किसे से मिला नहीं जाता।
यकीनन नहीं।
मुलाकातें मेहराब होनी चाहिए।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment