Monday, April 13, 2020

तेरी खुशबू उगी है...


देखो, खुशबू उगी है...तुम बो गये थे इंतजार के जो बीज वो खिल रहे हैं. महक रहे हैं. ये खुशबू मुझसे हर वक़्त बात करती है. हर वक्त मैं इस खुशबू को ओढ़े फिरती हूँ. बौराई सी रहती हूँ. कल एक चिड़िया खिड़की पर आई देर तक मुझे देखती रही. मैंने उससे पूछा, 'क्या देख रही हो?' वो हंस के उड़ गयी...

वो क्या देख रही होगी, क्यों उड़ गयी होगी भला? क्या उसने तुमसे सीखा है यूँ  देखने का ढब कि जब जी भर के देखने का जी चाहे अपनी नजरें फेर लेना.

तुम्हारे प्यार में प्यार के सिवा सारी बातें होतीं हैं..ये ढब इतना सुन्दर है, इतना नायाब कि सारा कहा फिजूल लगता है. सुनो, तितलियों का एक जोड़ा देर से सूरजमुखी के फूलों पर मंडरा रहा है. वो गुलाब पर क्यों नहीं मंडरा रहा होगा, बोलो? हंसो मत मैं जानती हूँ इन तितलियों ने सीखे हैं ढब सब तुमसे...

धूप और छाया का खेल देखते बनता है. धूप धीरे धीरे जगह बदलती जाती है...टिकती नहीं यह न टिकना
ही तो शाश्वत है. किसी मौसम में धूप की ओर भागना और किसी मौसम में धूप से बचकर भागना. धूप शाश्वत है...प्रेम शाश्वत है, मृत्यु शाश्वत है...बाकि सब नश्वर...

इन दिनों सारी दुनिया मौत के भय से जूझ रही है मैं अपने भीतर और घना प्रेम उगते हुए महसूस करती हूँ. जो प्रेम जी चुका, जो प्रेम में हो उसे मृत्यु का भय नहीं रहता. मुझे भय बस इस बात का है कि उनका क्या जो प्रेम में नहीं हैं, जो धूप को मुठ्ठियों में बांधना चाहते हैं, जो छाया को कसकर बांधकर रख लेना चाहते हैं. जो खुशबू को लॉकर में छुपाकर रख आना चाहते हैं...बिना जिए मर जाने वाले लोग कितने निरीह होंगे न?

आओ चलें, बहुत काम बाकी है...प्रेम का जन्म तो संसार के घावों पर मरहम रखने को हुआ है न? 

9 comments:

yashoda Agrawal said...

आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में मंगलवार 14 एप्रिल एप्रिल 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

अजय कुमार झा said...

बागवानी का आंनद ,फूलों पत्तों का साथ ,सच में ही नैसर्किग सुख देने वाला होता है। तिस पर आपकी लेखनी का जादू। बहुत ही सुन्दर और खूबसूरत पोस्ट

Onkar said...

बहुत सुन्दर

Rajesh Kumar Rai said...

खूबसूरत प्रस्तुति !

रेणु said...

जो प्रेम जी चुका, जो प्रेम में हो उसे मृत्यु का भय नहीं रहता._-----+
इससे ज्यादा क्सने को कुछ नहीं बचता ! 👌👌👌👌आदरणीया , मन मोह गयी आपकी रचना । हार्दिक शुभकामनायें🙏🙏

रेणु said...

कृपया कहने पढ़िए

Sudha Devrani said...

तुम्हारे प्यार में प्यार के सिवा सारी बातें होतीं हैं..
बहुत ही सुन्दर सृजन...
लाजवाब

विश्वमोहन said...

वाह!

विश्वमोहन said...

बहुत सुंदर।