ज्योति नन्दा-
विक्रम संवत 1941 फाल्गुन मास की 1 तिथि, दिनांक 24 फरवरी सन 2020
"लोग मर रहे हैं ,हां वो चीन के वुहान में."
"पता है किसी ने भविष्य वाणी की थी सालों पहले कि लोग मिसाइल से नहीं वाईरस से मरेंगे. अब देखो लोग मर रहे हैं"
"और खाओ चमगादड़, मरो, हम तो वेजिटेरियन हैं कुछ नहीं होगा"
" सुना जर्मनी इटली स्पेन मे लोग मरने लगे हैं"
"पापा! यूरोपियन देश तो कितने डेवलपड हैं फिर भी लोग मर रहे हैं अमेरिका में भी. कैसे?
" लीडरशिप. लीडरशिप का कमाल है बेटा! मजबूत नेता देश को बचा लेता है.
".....जी कोरोना को मार देंगे अकेले. वाॅव."
"बंद करो ये चुम्मा चाटी. भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया में फैल रही है सबको नमस्कार."
"आदाब-अर्ज से भी तो बच सकते हैं ?" "चुप रहो ! लोग मर रहे हैं इनको लाॅजिक की पडी है."
"गो कोरोना गो कोरोना गो"
चैत्र मास की 13वी तिथि दिनांक 22मार्च 2020.
" देश को मरने से बचाने के लिये लाकडाउन किया गया है.प्रधानमंत्री जी का साथ दें "
"थाली बजाओ, ताली बजाओ उत्सव मनाओ करोना आ गया यहा भी लोग मरेंगे.देश बच जायेगा"
" मैं ने तो बजा बजा के थाली में छेद कर दिया."
"चमचा तो चमक गया न बस ठीक है. देश बच जायेगा"
"डाक्टर के पास मास्क दस्ताने नहीं है. लेकिन उनको सैल्यूट वो लोगों को बचा रहे हैं."
"अगले चुनाव तक याद रखना सैल्यूट ठोंकते रहना देश बचेगा"
"हाऊ इज द जोश?"
"हाई रिस्क सर"
"चुप! पप्पू कही का"
" लोग मरते हैं अपनी मूर्खता से"
चैत्र मास की पहली तिथी दिनांक 24 मार्च --
"मैने कहा था न. देखो वो सडक पर आ गये मरने के लिए. जाहिल कही के.इनके लिए छुट्टी है घर जा रहे हैं. सबकी जान लेके मानेगे.
"दीज इडियट्स लाॅक देम गोली मार दो."
"सर आपने सरकार से पूछा स्वास्थ्य और शिक्षा बजट कैसे कहाँ? खर्च होता है"
"राफायेल विमान कित्ता शानदार है न देश बचाने के काम आयेगा पड़ोसी के घर में घुस के मारेगा|"
"हम तो लेखक हैं जो देखेगे लिख देंगे "भूख और गरीबी से बडी महामारी कोई दूसरी नहीं यहा तो रोज़ सैकड़ों भूख से मर जाते है. कोरोना क्या चीज है.?"
लाकडाउन काटने के उच्च मध्यमवर्गीय नुस्खे.--
"मजदूरों के पलायन के ह्रदय विदारक, अवसाद पैदा करने वाले वीडिओ और खबरे सोशल मीडिया के जरिये लोगो तक पहुचाने वाले जागरुक नागरिक और पत्रकारों को तुरंत अनफ्रेंड कर दें."
"प्रधानमंत्री को फालो करे."
" आँखे बंद करे, ध्यान करे स्वच्छ नदी कल कल करती बह रही है,हवा बहने की मधुर ध्वनि को महसूस करे. लम्बी सांस भरें कुछ देर रुके फिर छोडे. ऐसा करने से सांस रोकने की क्षमता बढेगी और वेंटिलेटर की कमी महसूस नहीं होगी"
फिर ध्यान करे कि लोग अपने पिछले जनम के बुरे कर्मों की सजा फलस्वरुप असमय मर रहे हैं. ऐसा सोचने से सकारात्मक सोच के रहस्य को जान पायेंगे और अपने मन की बात को दर किनार कर दूसरे के मन की बात को आत्मा में उतार लेंगे .
फिर आप सुख की अनवरत बहती धारा मे कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं होगा फिर से ट्वीट करते हुए असीम सुख प्राप्त करेंगे -
"जान से हाथ धोने से बेहतर है बार बार हाथ धोते रहें"
1 comment:
सटीक !
Post a Comment