4.12.76
प्रिय....
तुम्हारे खत में यह शब्द पढ़कर मैं भीतर ही भीतर गहरे तक उदास हो गया. लेकिन बाहर से खुद को बचा ले जाने के पुराने अभ्यास ने इमदाद की और आंख को गीली होने से बचा ले गया. तुम अच्छी तरह जानती हो कि यह शब्द मेरी आत्मा का पर्याय है. कभी-कभी वहम होता है कि यह शब्द पहले जन्मा कि मैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि इस शब्द का दूसरा नाम, मेरा ही नाम न हो. जब यह शब्द तुम्हारे पास बरामद हुआ तो मैं चौंक गया. मेरे भीतर से निकलकर कहां चला गया, तुम्हारे भीतर? इतनी छोटी उम्र में? क्या बता सकोगी, इस सवाल का उत्तर?क्या बताऊं, अभी तक भाषा का गला भरता था और शब्द की आंख डबडबा आती थी-लेकिन, आज शब्द नहीं, मैं रोया. क्योंकि आज ही तो साफ की मैंने अपने अतीत के आइने की धूल.वैसे तुम जानती हो कि अफसोस शब्द समूचे साहित्य का मूलभाव है. दुनिया की तमाम महान कृतियां किसी पश्चाताप के बोध की ही पैदाइशे हैं. दैट इज व्हाई गिल्ट इज एक इंपॉर्टेंट वर्ड. इट टेल्स अस व्हाट वी हैव डन रांग. तुम्हें क्या बताऊं होल ऑफ माई लाइफ हैज बीन द टेस्टिमोनी ऑफ माई वीकनेस. प्रेम और पश्चाताप शायद एक तरह से डिवाइन डायक्टमी हैं. दोनों एक तरह के युद्ध की किस्में हैं. अदृश्य और धारावाहिक. मैं भीतर हरदम परेशान रहता हूं. एज इफ देयर इज ग्रोइंग अ डिस्कम्फर्ट इनसाइड मी. एक किस्म की सफरिंग है. तमाम रिश्ते और खासकर ऐसे, जिनकी ठीक-ठीक सी परिभाषाओं के लिए हम परेशान रहते हैं. परिभाषा हमें अपने लिए नहीं, उन लोगों के लिए चाहिए जो एक दिन सवाल करेंगे हमसे. और तब हमारे पास चुप रह जाने के सिवा कुछ नहीं होगा. क्या कुछ रिश्तों के उत्तर सिर्फ चुप्पियों में ही होते हैं.मेरे लिए तुम क्या हो नहीं जानता पर यू आर नॉट अ सिंपल गर्ल ऑर अ पर्सन विद एन अपोजिट सेक्स, रैदर समथिंग डिफरेंट, दैट इज टु गेट डिफाइंड एज अ सोल मेट. दिस मे नॉट बि द न्यू एंड अनयूजुअल वर्ड फॉर दैट यू हैव टु टर्न द पेजेस ऑफ डिक्शनरी. द कॉमनली यूज्ड वड्र्स कैन ऑफेन मिसडिफाइंड, सो मे कॉज कनफ्यूजन्स.पश्चाताप को लेकर शायद दॉस्तोएव्स्की ने ही सबसे सुंदर कहानियां लिखी हैं. कहते हैं दॉस्तोएवस्की ने किसी कच्ची उम्र की बालिका के साथ शारीरिक सलूक जैसा कर लिया था और इसी कारण एक गिल्ट उसके भीतर कहीं जगह कर गयी थी. मुझे लगता है कि कुन्ती की आंख में अर्जुन नहीं, कर्ण को लेकर आंसू कहीं ज्यादा गाढ़े और मोटे आये होंगे. बहरहाल, मेरे भीतर तो अफसोस या पश्चाताप जैसा शब्द बहुत पहले से है, वजह यह कि मैंने बहुत से जरूरी काम या तो वक्त से बहुत पहले कर लिए या वक्त के बहुत बाद-और दोनों ही स्थितियों में एक ही शब्द हाथ लगता है और वह शब्द है अफसोस. इसका एक बड़ा कारण यह भी रहा कि मेरी आंखों की साइज सपनों के हिसाब से उपयुक्त नहीं थी. तुम ही सोचो जख्मी आंखों से सपने देखना सपनों को लहूलुहान कर लेना होता है, और मेरे भीतर यह भय हमेशा बना रहा है. मैं गहरी झिझक के साथ कहना चाहता हूं कि तुम्हें खत लिखते हुए हरदम एक संदेह बना रहता है कि मालूम नहीं कि मैं कितना हूं तुम्हारे भीतर. हूं भी कि नहीं. वैसे, बाहर भी कितना हूं मैं अपने से और अपने लिए. एक सन्नाटा चलहकदमी करता रहता है मेरे भीतर और मेरे बाहर भी, जिसके बीच अकसर चूकने की चीखें भी गूंजती रहती हैं. ऐसे में पूरा का पूरा घर भी मुझमें अपनी सांस ले रहा लगता है, क्योंकि अभी भाइयों की पढ़ाई और नौकरियां लगना शेष है, एक अंधेरा है, जिसके भीतर भी अंधेरा ही छुपा हुआ है. इसीलिए हर बार तुम्हें खत लिखते हुए कुछ जरूरी शब्द लिखने से इरादतन बाहर रह जाते हैं. सैकड़ों ऐसे वाक्य ज़ेहन में आये, मगर वे लिखे जाने के पहले ही गुमशुदा की फेहरिस्त में शामिल हो गये.बस मुझे लिखना ही बिखरने से बचाता रहा है. तुम्हारे खतों की निरंतरता भी इसमें बहुत इमदाद करती है लेकिन यह सोचकर डर जाता हूं कि कहीं यह लड़की खत लिख-लिखकर मुझ पर परोक्ष दया तो नहीं कर रही हूं. मुझे कीर्केगार्द की याद आ रही है, जिसे एक लड़की के दयाबोध ने तोड़ दिया था. पर मैं ऐसे ख्याल को झटककर सोचता रहा हूं. माई ग्रेटेस्ट वेल्थ इज दैट यू लाइक टु लिसन मी, यू रीड माई राइटिंग्स एंड अडोर मी. आई डोंट वांट एनी अवॉर्ड ऑर रिवॉर्ड फॉर माईसेल्फ, सिंस आई एम कान्सटेंटली चाज्र्ड बाई द रेसपेक्ट, लव, अफेक्शन, आई रिसीव फ्रॉम यू. दैट इज व्हाई आई एम क्रिएटिवली अलाइव अमंग टीज सरकमस्टांसेस. नहीं जानता हम कहां होंगे. टाइम विल टेल, हू इज अराउंड, व्हेन इयर्स विल रोल बाई. तुम्हारे नाम का अर्थ चाहे बहुत कीमती चीज का पर्याय हो-लेकिन वह एक धीमी और आत्मदीप्त-सी रोशनी का नाम भी तो है. यह मेरे भीतर एक कांपती लौ की तरह धीमे-धीमे टिमकता रहता है हर क्षण, बाकी ठीक. आई एम फिटेड टु स्टे अलोन इन द लाइफ.तुम्हारा.............सिलसिला जारी....
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