Friday, April 13, 2018

पुलिस, पुजारी और देश


जब कुछ भी नहीं पता था देश और समाज के बारे में. कानून और अपराध के बारे में. नहीं पता था धर्म का काम क्या है, कैसा होता है आस्थाओं का चेहरा, कि पुलिस किसे बचाती है, किससे बचाती है. (और वक़्त आने पर पुजारी और पुलिस से कौन बचाता है ) बहुत कम उम्र की एक छोटी सी बच्ची को तब से डर लगता था पुलिस और पुजारी दोनों से.

मंदिर में जाती तो प्रसाद देने वाला पुजारी को कभी प्रेम से, भक्तों को सम्मान से देखते हुए, कभी उनसे इंसानों की तरह पेश आते नहीं देखा. प्रसाद लेने के लिए जो लाइन लगा करती थी उसमें अपना नम्बर आते-आते वो लड़की डर से कांपने लगती थी बावजूद इसके कि साथ होते थे तमाम घरवाले, फिर भी. मोटे तोंद वाले पहलवान नुमा पुजारी ने उसके ठीक पहले वाली औरत को डांट दिया था. किसी तरह अपना नम्बर आते ही बेहद सावधानी से अपनी नन्ही हथेलियाँ प्रसाद लेने के लिए बढ़ा दिया करती थी. इतनी सावधानी से कि पुजारी की उँगलियाँ छू न जाएँ कहीं. टीका लगाते वक़्त कहीं पीठ पर हाथ न फेर दे पुजारी. एक बार आशीर्वाद देते हुए सर पर रखा हाथ उसकी पूरी पीठ पर फिसलता गया था, कई महीनों तक अंगारों सी दहकती रही थी उसकी पीठ. हालाँकि उसे नहीं बताया गया था 'बैड टच' के बारे में.

वो अख़बार नहीं पढ़ती थी, टीवी उन दिनों हुआ नहीं करते थे फिर कैसे उसके मन में पुलिस के प्रति इतना भय भर गया. पुलिस को देखते ही भीतर तक सहम जाया करती थी. माँ के पीछे छुप जाया करती थी लेकिन माँ से इस बारे में कुछ कह नहीं पाती थी. एक बार रेलवे स्टेशन पर एक पुलिसवाले को देखकर वो इतना डर गयी थी कि कई दिन तक उसे बुखार रहा. कोई नहीं समझ पाया था कि वो डर उस पुलिसवाले की उन नज़रों से उपजा था जो दूर से उसे देख रही थीं, और अश्लील तरह से मुस्कुरा रहा था वो. हालांकि किसी ने नहीं बताया था उसे सच्ची और झूठी मुस्कुराहटों के बारे में, अच्छी और बुरी निगाहों के बारे में.

आज समूचा देश पुलिस और पुजारियों की गिरफ्त में है. इतना अँधेरा है चारों ओर, इतना खौफ़. रास्ता कोई नहीं. और यह कोई दुर्घटना नहीं है, इस अँधेरे को बाकायदा उगाया गया है, बोया गया है. हम समझ क्यों नहीं पाते कि हमारे खिलाफ हमें ही इस्तेमाल किया जा रहा है सदियों से.


3 comments:

सुशील कुमार जोशी said...

समझ क्यों नहीं पाते हैं लगता नहीं है लगता है समझना ही नहीं चाहते हैं।

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...
This comment has been removed by the author.
Onkar said...

विचारोत्तेजक लेख