स्त्रियां सुनती नहीं हैं हमारी...जब
बेटे की शादी में मांगना होता है दहेज
जब, प्रताडि़त करना होता है
घर की बहू को मायके से
और ज्यादा पैसे लाने के लिए
जब, बेटा पैदा करने की जिद में
करवाना होता है गर्भपात
जब, रखने होते हैं निर्जला व्रत
छूने होते हैं हमारे पैर
और वो बनाती हैं हमें परमेश्वर
स्त्रियां सुनती नहीं हैं...हमारी
वो हमारी एक नहीं सुनतीं
और इन सबके अलावा
छूने होते हैं हमारे पैर
और वो बनाती हैं हमें परमेश्वर
स्त्रियां सुनती नहीं हैं...हमारी
वो हमारी एक नहीं सुनतीं
और इन सबके अलावा
'हम उनकी एक नहीं सुनते...'
यह बात जानबूझकर नहीं कहते वो....
(पेंटिंग- देविका, साभार- गूगल)यह बात जानबूझकर नहीं कहते वो....
2 comments:
आपका सफर आपका ब्लॉग यहाँ हैँ जरूर आये
Rajasthan(GK),10.Qu.
in Hindi , Paper-1
Rajasthan(GK),10.Qu.
in Hindi , Paper-2
एहसास को बहुत खूबसूरती से चित्रित किया है
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