कहने को तो बहुत रहा - विनोद कुमार शुक्ल
कहने को तो बहुत रहा
इतने दिनों
कि अभी तक
उसका कभी आना
याद नहीं
और उसका जाना
बार- बार याद आता है
कि अभी उसका जाना हुआ
उससे सब कहने को
कहने को तो कह दिया
जो उसके पीछे चला गया
पर उसे पुकारना रह गया
वह हमेशा
मेरे साथ
यहीं, दहलीज़ पर रह गया.
(शुक्रवार से साभार)
7 comments:
जाने वाले कुछ छोड़ जाते हैं यहाँ...
पर उसे पुकारना रह गया
वह हमेशा
मेरे साथ
यहीं, दहलीज़ पर रह गया.kitna saral lekin adbhut.
खूबसूरत एहसास, शुक्रिया पढ़वाने का
हाथी आगे आगे चलता था, हाथी जितनी जगह पीछे पीछे छूटती जाती थी.
bahut sundar.....!!thanks for sharing.
usne sab kahne ko kahne ko kah diya,jo uske peeche chala gaya
par use pukarna rah gaya
EK SUNDAR RACHNA
अदभुद एहसास....
सांझा करने के लिए शुक्रिया..
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