ओ वाणी, मुझसे खफा न होना
की मैंने तुझसे उधार लिए
चट्टानों से भरी शब्द
फ़िर ताजिंदगी उन्हें तराशती रही
इस कोशिश में
की वे परों से हलके लगें...
शिम्बोर्स्का
की मैंने तुझसे उधार लिए
चट्टानों से भरी शब्द
फ़िर ताजिंदगी उन्हें तराशती रही
इस कोशिश में
की वे परों से हलके लगें...
शिम्बोर्स्का
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