Wednesday, July 27, 2022

होंठों से ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं चुम्बन...


किसी कवि को पढ़ना उसे पढ़ते हुए देखने जैसा होना चाहिए. गौरव गुप्ता ख़ामोशी से एक स्पेस बना रहे हैं. उनकी पोस्ट, कवितायें पढ़ती रहती हूँ. उनमें एक सम्मोहक सा ठहराव है. गौरव किसे पढ़ते हैं, कैसे पढ़ते हैं, आवाजें, दृश्य और कोलाहल सब उनकी दुनिया में एक अलग ही ढंग से आता है. पिछले दिनों उनके द्वारा कुछ कविताओं का अनुवाद नजर में आया. दुन्या मिखाइल, निज़ार कब्बानी, अर्नेस्टो कार्डेनल और महमूद दरवेश. ये सब मेरे भी प्रिय कवि हैं. तो गौरव के अनुवाद के जरिये हिंदी में आये इन प्रिय कवियों को सहेज रही हूँ. गौरव को शुक्रिया कहते हुए और उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं देते हुए कि उनके भीतर की नमी यूँ ही बची रहे...

दुन्या मिखाइल की कविता

(1965 में जन्मी दुन्या मिखाइल अरबी भाषा की इराक़ी कवि हैं। अपने लेखन के कारण अधिकारियों से प्रताड़ित होने के बाद उन्होने अमेरिका में शरण ली )

1-धन्यवाद

मैं उन सभी को धन्यवाद देती हूं
जिन्हें मैं प्यार नहीं करती।
वे मुझे दिल का दर्द नहीं देते
उन्हें मैं लम्बा पत्र नहीं लिखती
वे मेरे सपनों में खलल नहीं डालते
मैं बेचैनी से उनकी प्रतीक्षा नहीं करती
मैं पत्रिकाओं में उनके राशिफल नहीं पढ़ती
मैं उनके नंबर डायल नहीं करती
मैं उनके बारे में नहीं सोचती रहती।
मैं उनका बहुत धन्यवाद करती हूं
वे मेरे जीवन को क्षत-विक्षत नहीं करते।

******

निज़ार कब्बानी की कविता
(1923-1998) सीरियाई कवि, राजनयिक तथा प्रकाशक

निजार कब्बानी की कविताओं में प्रेम की अभिव्यक्ति के साथ ही स्त्री की आजादी का भाव भी व्यक्त हुआ है।

१-
लालटेन से ज्यादा महत्वपूर्ण होता है प्रकाश
नोटबुक से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है कविताएँ
और होठों से ज्यादा महत्वपूर्ण होते है चुंबन
तुम्हारे लिए
लिखे गए मेरे ख़त
ज्यादा महत्वपूर्ण हैं हम दोनों से
वे एकमात्र दस्तावेज़ हैं
जहाँ लोग पाएंगे
दर्ज किया गया
तुम्हारा सौंदर्य और मेरा पागलपन।

२-
मैं तुम्हारे दूसरे प्रेमियों सा नहीं हूँ
मेरी प्रिये
अगर वें तुम्हें बादल देते हैं
तो मैं दूँगा तुम्हें बारिश
अगर वे देते हैं तुम्हें चिराग़
तो मैं दूँगा तुम्हें पूरा का पूरा चाँद
अगर वे तुम्हें एक टहनी सौंपते हैं
तो मैं रख दूँगा तुम्हारे सामने पूरा दरख़्त
अगर वे देते हैं तुम्हें जहाज़
तो मैं दूँगा तुम्हें एक सुंदर सफ़र।

३-
एक लंबे अंतराल के बाद
हर बार, जब मैं तुम्हें चूमता हूँ
मैं महसूसता हूँ
जैसे लाल रंग के लेटरबॉक्स में
जल्दी-जल्दी में डाल रहा एक प्रेम पत्र।

४-
मैंने तुम्हें चुनने के अवसर दिया है
इसलिये चुनो
तुम कहाँ मरना पसंद करोगी?
मेरे सीने पर
या मेरी कविताओं के पन्नों के बीच

*****
अर्नेस्टो कार्डेनल की कविता
(निकारगुअन कवि)

जब मैंने तुम्हें खो दिया
हम दोनों हार गए
मैं इसलिए हारा
क्योंकि वो तुम थी जिसे मैंने सबसे ज्यादा प्रेम किया.
और तुम इसलिए हारी
क्योंकि वो मैं था जिसने तुम्हें सबसे ज्यादा प्रेम किया.
लेकिन हम दोनों में
तुमने सबसे ज्यादा खोया है
क्योंकि मैं किसी औऱ से उतना ही प्रेम कर सकता हूँ
जितना मैंने तुम्हें प्रेम किया था
लेकिन कोई दूसरा
तुम्हें उतना प्रेम कभी नहीं कर सकता
जितना मैं तुमसे करता था

(2)
यही होगा मेरा प्रतिशोध
कि एक रोज़ तुम्हारे हाथों में होगी
एक प्रसिद्ध कवि की कविता की किताब
और तुम पढ़ोगी उन पंक्तियों को
जिसे कवि ने तुम्हारे लिए लिखा था
और तुम कभी जान नहीं पाओगी यह बात।

****

महमूद दरवेश की कविता

1941-2008

फिलिस्तीनी प्रतिरोधी साहित्य के प्रसिद्ध कवि। विश्व प्रसिद्ध “लोटस” पुरस्कार और “लेनिन शांति पुरस्कार” से सम्मानित।

आज सुबह तुम्हारे लिए फूल खरीदना चाहा था
लेकिन कुछ दोस्त भूखे थे
इसलिए मैंने उनके लिए रोटियां खरीदीं
और तुम्हें लिखी प्रेम कविताएँ

*****
(वागर्थ पत्रिका में प्रकाशित )

8 comments:

दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28.7.22 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4504 में दिया जाएगा| आपकी उपस्थिति चर्चाकारों का हौसला बढ़ाएगी
धन्यवाद
दिलबाग

Anonymous said...

ये कविताऐं सिहरन पैदा करती है, खून की गति को तेज करती है मन के वो की सारे पन्ने को खोलती है ,जिसे जीवन जीने में हमें खोलने थे, हमने बंद रखा, और हड़बड़ी में जिन्दगी खर्चे जा रहे हैं।
उन तमाम कवियों को नमन, और गौरव को दुआऐं। प्रतिभा जी को आभार। मीनाक्षी।

जिज्ञासा सिंह said...

बहुत सुंदर पोस्ट !

Anonymous said...

बेहतरीन

Anonymous said...

बहुत बहुत खूबसूरत ,,,मैं कई कई बार पढ़ गई,,,,प्रतिभा हमेशा मेरे मुस्कुराते आश्चर्यों में सामिल रहती है

शिवम कुमार पाण्डेय said...

बहुत सुंदर प्रस्तुति।

Onkar Kedia said...

बेहतरीन कविताऐं

PRABHAT DIXIT said...

adbhut