मारीना के जीवन और युग को दस साल में डिस्कवर किया है।हाल ही में संवाद प्रकाशन से प्रकाशित किताब #मारीना की रचना -प्रक्रिया को उन्होंने आज हम-सबसे शेयर किया।शिरोज हैंगाउट,गोमतीनगर,लखनऊ,में उनके साथ कथाकार किरण सिंह, कथाकार और कवयित्री उषा राय Usha Rai और नाटककार प्रदीप घोष Pradeep Ghosh के साथ मैं भी मौजूद था।
लगन, लगाव और जूनून के साथ मारीना और उसके समय को उन्होंने ऐसा उकेरा है कि मानो उनके हाथ में टाइम मशीन आ गई हो। इस किताब से मारीना की ज़िन्दगी हिन्दुस्तानियों के सामने साकार हो सकी है। दस साल तक प्रतिभा जी मारीना को अपने साँसों में महसूस करती रहीं।मारीना से प्यार और तकरार का दिलचस्प नज़ारा है यह किताब।
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