Thursday, February 4, 2021

यूँ मिली मुझे मारीना


-Sunita Katoch


रूस की महान कवयित्री मारीना त्स्वेतायेवा के जीवन पर आधारित प्रतिभा कटियार की किताब मुझ तक वरयाम जी के माध्यम से पहुंची जिन्होंने मारीना की रूसी कविताओं का हिंदी में अनुवाद किया।।वरयाम जी ,उन सभी जगहों पर गए जहां मारीना ने अपने जीवन के क्षण गुज़ारे । हालांकि गैस रिसाव की किसी घटना के कारण हवाई सेवा बन्द होने पर वो फ्रांस नही जा पाए। मेरी फेसबुक मित्र प्रतिभा की किताब का इस तरह मुझ तक पहुंचना मेरे लिए सुखद और आश्चर्य का पल रहा। हालांकि मिलने से पहले मेरी और वरयाम जी के बीच किसी भी किताब को लेकर कोई चर्चा नही हुई। जब हम मिले मैंने उनसे पूछा आप मेरे लिए किताब लाए हैं क्या कोई। उन्होंने कहा हाँ - मेरे बैग में देखो। किताबें देखी तो मारीना उन्होंने कहा यह प्रतिभा की किताब है मैने कहा -हाँ वो मेरी फेसबुक फ्रेंड है और उनके आर्टिकल मैं पढ़ती रहती हूं और मारीना के कुछ अंश भी मैंने उनके पेज और वाल में पढ़े हैं। वो अत्यंत खुश हुए। यह एक सुखद संयोग था ।

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