कुछ जीवनियों को पढ़कर लगता है कि जैसे हम भी वहीं खड़े थे और दृश्य घटित हो रहे थे ।कभी लगता है कि जीवन किसी महान व्यक्ति का उतना सरल कभी नहीं हुआ। जो सफल दिखाई देते रहें हैं ।मारीना कवयित्री की कविताएँ चाहे जो कहती हो उसने भी स्त्री जीवन की हर मुश्किल का सामना किया । वो मुक्त हुई मगर सौगात ही देकर गई ।
मगर तुमसे वादा था ।आज साल के आखिर दिन प्रस्तर से तुम्हारी मारीना ।
किसी जीवन को अपने लिए समझने के लिए "मारीना" को ज़रूर पढ़ा जाये ।
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