उनकी शिराओं में लाल रंग का नहीं
नीले रंग का लहू है...देह पर कोई चोट का निशान नहीं मिलेगा
न ही गुम मिलेगी होठों की मुस्कराहट
साइंसदानों, तुम्हारी प्रयोगशालाएं
झूठी हैं
वहां नहीं जाँची जा सकतीं
नीलवर्णी रक्त कोशिकाएं
न ही ब्लड सेम्पल में आते हैं
सदियों से दिल में रह रहे दर्द के कारन,
ना समंदर की लहरों की तरह उठती
दर्द की उछाल
जांच पाने की कोई मशीन है पैथोलॉजी में
बेबीलोन की सभ्यता के इतिहास में
पहली बार जब दर्ज हुआ था
एक प्रेम पत्र
तबसे ये दर्द दौड़ ही रहा है लहू में
नहीं, शायद दुनिया की किसी भी सभ्यता के विकास से पहले ही
प्रेम के वायरस ने बदलना शुरू कर दिया था
लहू का रंग
प्रेमियों के लहू का रंग प्रेम के दर्द से नीला हो चुका है
इसका स्वाद खारा है...
इसके देह के भीतर दौड़ने की रफ़्तार
बहुत तेजी से घटती-बढती रहती है
दिल की धडकनों को नापने के सारे यंत्र
असफल ही हो रहे हैं लगातार
चाँद तक जा पहुंचे इंसान के दिल की
चंद ख्वाहिशों की नाप-जोख जारी है
उदासियाँ किसी टेस्ट में नहीं आतीं
झूठी मुस्कुराहटें जीत जाती हैं हर बार
और रिपोर्ट सही ही आती है
जबकि सही कुछ बचा ही नहीं...
सच, विज्ञान को अभी बहुत तरक्की करनी है...
10 comments:
नीला खून, विज्ञान तो नहीं पर मन सिद्ध कर सकता है।
what ascintific description of somthing like love.............
कुछ चीज़ें साइंस की पहुँच से परे हैं.......आज भी.
'उदासियाँ किसी टेस्ट में नहीं आतीं
झूठी मुस्कुराहटें जीत जाती हैं हर बार'
बात सच्ची है और बिलकुल सच्ची...
विज्ञान भी हार मानता है यहाँ!
शायद दुनिया की किसी भी सभ्यता के विकास से पहले ही
प्रेम के वायरस ने बदलना शुरू कर दिया था
लहू का रंग
...
हाँ मौसी ...लोचा मनु और सतरूपा ..या आदम और ईव के टाइम पर ही शुरू हो गया था.
...
उदासियाँ किसी टेस्ट में नहीं आतीं
झूठी मुस्कुराहटें जीत जाती हैं हर बार
और रिपोर्ट सही ही आती है
जबकि सही कुछ बचा ही नहीं...
सच, विज्ञान को अभी बहुत तरक्की करनी है...
मुझे तो शक है कि विज्ञान ऐसा कर पायेगा भी या नहीं ... और अगर कर भी पाया तो... "कौन जीता है तेरी जुल्फ़ के सर होने तक"
आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ. अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है...:-)
बेहतरीन रचना ... बधाई स्वीकारें.
नीरज
बढिया
बहुत सुदर
sach kaha pratibhaji विज्ञान को अभी बहुत तरक्की करनी है...
वाह बहुत खूब
प्यार की अनूठी प्रस्तुति ...
मन के रहस्य को ब्यान करती एवं यथार्थ का आईना दिखती पोस्ट ...उत्कृष्ट लेखन आभार
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