Saturday, April 3, 2021

उम्रदराज लोगों का प्यार


बसंत के दिनों में
टहनियों को जोर से पकडे हुए पत्तों सा होता है
उम्रदराज लोगों का प्यार
संजीदा होता है जबकि
बेकरार होता है शरारती हो जाने को.

दुनिया भर की नसीहतों को जी चुका
उम्रदराज लोगों का प्यार
हर सांस सलीके से जीने
हर लम्हे को मजबूती से थाम लेने को उत्सुक होता है,

युवा प्रेमियों को देख मुस्कुराते हुए
ज़िंदगी से और सटकर बैठा होता है
बारिश में भीगने से
निमोनिया हो जाने से, डरता नहीं 
बस कि एक-दूसरे का साथ छूटने से डरता है
उम्रदराज लोगों का प्यार.

योगा क्लासेज हों, जॉगिंग ट्रैक, दवा की दुकानें, अस्पताल
या किसी की मातमपुर्सी की बैठक
इनकी निगाहें एक-दूसरे को कभी भी कहीं भी ढूंढ लेती हैं
और दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं

मधुमेह, रक्तचाप, थायरायड, घुटनों के दर्द के बीच
शाम को साथ में टहलने के लिए
वे चुनते हैं सबसे सुंदर और सलीकेदार लिबास
उन्हें आता है नफासत से पेश आना,

वो जान चुके हैं किसी को खोने का दुःख
इसलिए डरते हुए बढ़ाते हैं कदम एक-दूसरे की और
एक ही कॉटन कैंडी में ढूंढ लेते हैं
तमाम पीले लम्हों की रंगत.

झुर्रियों में सपने तलाशने की कला 
सीख लेता है उम्रदराज लोगों का प्यार.  

2 comments:

Onkar said...

अति सुन्दर

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सुन्दर् और सशक्त रचना।