प्यारी सी दीत्या,
आज तुम्हारे जन्मदिन पर खूब खूब प्यार! स्पेशल वाला. सोचा क्यों न आज तुम्हें चिठ्ठी लिखूं. यूँ तो हम बातें करते ही रहते हैं, आसान है फोन उठाओ और नम्बर डायल कर दो. पूछो आवाज आ रही है? हा हा हा. मजेदार है न? तो फिर आज ऐसी कौन सी बात करेगी मासी चिठ्ठी में जो अलग होगी.
तुम्हें पता है मासी तुम्हारे संग तुम्हारी उम्र को जीना चाहती है, जीती भी है. यह उम्र ढेर सारे सपनों की उम्र है. बहुत बहुत सारे सपने देखना. उनमें से हो सकता है सारे पूरे न भी हों लेकिन कुछ तो यकीनन पूरे होंगे और यह कितना सुंदर होगा न. किसी और के सपने मत देखना तुम. अपने सपने देखना. और देखो, ज्यादा समझदार होने में कुछ नहीं रखा, बिंदास जो जी में आये वो करो बस कि उससे किसी का दिल न दुखे. अब यह दिल दुखने वाला मामला इतना नाज़ुक है कि लोगों का बात बात में दिल दुखने लगता है ऐसे में क्या करें ऐसे में तुम जानती हो क्या करना है.
तुम्हारे साथ घूमने जाना है यार. सिर्फ मैं और तुम. हम दोनों पार्टनर. चलोगी न? मुझे तुमसे बातें करना बहुत अच्छा लगता है. मैं सोचती हूँ कि अगर मुझे दोबारा बचपन जीने को मिले तो मैं तुम्हारी जैसी हो जाऊं और तुम्हारा बचपन जियूं. ये जो प्रेजेंट है न हमारे सामने जिसे हम जी रहे हैं यही इस जिन्दगी का अब तक का बेस्ट मूमेंट है. हो सकता है कल इससे भी बेस्ट कुछ मिले. लेकिन अभी तो यही है और इसे जी भर के जीना है....
जल्दी ही हम मिलेंगे और ढेर सारी मस्ती करेंगे. इस चिठ्ठी को ज्ञानवाणी समझकर कहीं रखकर भूल जाना और खूब मस्ती करना.
मैं तुम्हारे बर्थडे पर चिड़ियों से बातें करते हुए उन्हें बता रही हूँ कि आज मेरी दीत्या का जन्मदिन है. देहरादून की सारी चिड़ियों ने तुम्हें हैपी बर्थडे कहा है...खूब मस्ती करना और तस्वीरें भेजना.
प्यार
मासी
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