Tuesday, December 15, 2015

शब्द भर 'ठीक'



'ठीक' कहने से पहले जांच लेना खुद को ठीक से
कि कहीं 'अ ठीक' साथ चिपक न जाये
कहे गए 'ठीक' की पीठ पर

'ठीक' को सिर्फ शब्द भर बना रहने देना
उसे अपनी मुस्कुराहटों से सजाना, संवरना


और जो इस ठीक से बचा हुआ सच है न
उदास, तन्हा, बोझिल, जख्मी
उसे मेरी हथेलियों पे रख देना।


3 comments:

कविता रावत said...

और मीठी जुबां से
'ठीक हूँ '
कहना ही पड़ता है
अगर जरा भी जुबां फिसल गई
और कह दिया
'नहीं बीमार हूँ'
तो समझो कि अब मैं बेकार हूँ!
http://kavitarawatbpl.blogspot.in/2010/07/blog-post_27.html

डॉ. दिलबागसिंह विर्क said...

आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 17-12-2015 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2193 में दिया जाएगा
आभार

Onkar said...

सुन्दर प्रस्तुति