मेरे लिए अपनी कविताओं के बारे में बात करना सबसे मुश्किल होता है जबकि अपनी पसंद की, प्रिय कवियों की कविताओं के बारे में घंटों बात कर सकती हूँ. अपनी कविताओं के बारे में इतना ही लगा हमेशा कि इन्होने मुझे ढेर सारे अनजान लोगों का दोस्त बना दिया है. अपनी गढ़न को बनाये रखने के लिए मैं इन कविताओं के सम्मुख सजदे में रहती हूँ इसलिए नहीं कि ये श्रेष्ठ कविताएं हैं नहीं, बल्कि इसलिए कि इन्होंने मुझे सच्चे दोस्त की तरह जीवन के हर मोड़ पर सहेजा है. मेरी भीतरी गढ़न की सहयात्री बनी हुई हैं.
दोस्तों के इसरार ने ढेर सारे संकोच के बीच थोड़ी सी हिम्मत दी और ज्यादा जिम्मेदारी जिसके चलते पिछले बरस कविता संग्रह ‘ख़्वाब जो बरस रहा है’ प्रकाशित हुआ. उस संग्रह के लिए कवितायें चुनना मुश्किल काम था. जब ‘न्यू वर्ल्ड पब्लिकेशन’ ने प्रस्ताव दिया ‘समकाल की आवाज़’ में शामिल होने का तो फिर वही संकोच सामने आ खड़ा हुआ.
उन सबके प्रति आदर व प्रेम से भरी हुई हूँ जिन्होंने मेरे लिखे में कुछ ढंग का देखा, हौसला बढ़ाया. जिन्होंने मुझे ढूंढकर पढ़ा. दोस्तों में साझा किया. जिन्होंने अस्वीकार किया, उपेक्षित किया उनके प्रति ज्यादा आभारी हूँ कि उन्होंने बताया है कि अभी बहुत कुछ सीखना है, जीने की बाबत क्योंकि जीना जितना सरल और स्पष्ट होता जायेगा कविता अपने आप उतनी ही बेहतर होती जायेगी.
ये कवितायेँ मेरा ही अक्स हैं. इनमें जो सुधार संभावित है वह असल में मेरे भीतर होने वाले सुधार की संभावना है और जिसके प्रति एक सजगता हमेशा मेरा हाथ थामे रहती है. अपना होना आपसे साझा करते हुए अनजानी उत्सुकता और संकोच से घिरी हूँ. अब तक की यात्रा इस संग्रह में सहेज आगे की यात्रा पर निकलने की तैयारी थोड़ी आसान होगी ऐसी उम्मीद है.
तो अब यह आप सबको सौंपती हूँ.
संग्रह amazon पर उपलब्ध है.
लिंक यह रहा- https://www.amazon.in/PRATIBHA-KATIYAR-CHAYANIT-KAVITAYEN/dp/8196069219/ref=sr_1_fkmr0_2?crid=2N81BJHBM57YB&keywords=pratibha+katiyar+in+books&qid=1672670227&sprefix=pratibha+katiyar%2Caps%2C478&sr=8-2-fkmr0
3 comments:
खुशामदीद!
आपके कविता संग्रह के लिए आपको हार्दिक शुभकामनायें। आपको ब्लॉग के माध्यम से बहुत पढ़ा है फिर अचानक ही ब्लॉग कि दुनिया में जैसे ठहराव आगया और हम सभों ब्लोगर का एक दुसरे के घर जाना अर्थात ब्लॉग पर जाना बंद होगया। आज फिर लंबे समय के बाद ब्लॉग पर वापस लौटना हुआ है। आशा है संवाद बना रहेगा।
बहुत सुंदर जानकारी महोदय जी
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