प्रेम
उसे मालूम था कि
वो स्त्री है दुनिया की सबसे मजबूत स्त्री
जो है उसके प्रेम में
इसलिए उसने
सारे निर्मम प्रहार किये उस पर ही
एक चम्मच प्यार
क्या फर्क पड़ता है जिन्दगी में
वो स्त्री है दुनिया की सबसे मजबूत स्त्री
जो है उसके प्रेम में
इसलिए उसने
सारे निर्मम प्रहार किये उस पर ही
एक चम्मच प्यार
क्या फर्क पड़ता है जिन्दगी में
अगर कम हो जाए
एक चम्मच प्यार
सिवाय इसके कि जिन्दगी
‘जिन्दगी’ नहीं रहती...
विसर्जन
सिवाय इसके कि जिन्दगी
‘जिन्दगी’ नहीं रहती...
विसर्जन
राख सिर्फ फुंके हुए जिस्म की ही
नहीं बहाई जाती नदियों में
नहीं बहाई जाती नदियों में
फुंके हुए अरमानों की राख
आंसुओं की खारी नदी में
बहाई जाती है जिन्दगी भर...
4 comments:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (28-03-2017) को
"राम-रहमान के लिए तो छोड़ दो मंदिर-मस्जिद" (चर्चा अंक-2611)
पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
विक्रमी सम्वत् 2074 की
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
http://bulletinofblog.blogspot.in/2017/03/blog-post_28.html
बहुत सुन्दर
Lovely... Samander ko bhi fark padta hai ek chammach paani ke nikalne se. Little but cute thought
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