ओ नये बरस
आहिस्ता आना
बिना हल्ला गुल्ला
बिना शोर किये
कि उदासियाँ अभी
आँखों से झरी नहीं
पांवों की बिंवाइयाँ
अभी तक दुखती हैं
उम्मीद की सांस मध्धम है
तुम्हारे कंधों पर
बड़ी जिम्मेदारी है
बीते बरस की
उदासियाँ बीनने की
हिम्मत और उम्मीद
सहेजने की
बड़ी जिम्मेदारी है
बीते बरस की
उदासियाँ बीनने की
हिम्मत और उम्मीद
सहेजने की
सिर्फ कैलेंडर न बदले
बदले जीवन भी तुम्हारे आने से...
बदले जीवन भी तुम्हारे आने से...
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