Sunday, December 22, 2019

प्रेम में होना



दुनिया भर में जितने भी प्रताड़ित लोग हैं चाहे वो किसी भी धर्म के हों, उनके प्रेम में हूँ.

देश भर में जितने भी लोग आंदोलनों में किसी भी तरह से सक्रिय हैं, उनके प्रेम में हूँ

वो सब लोग जो अपने हकों के लिए आवाज उठा रहे हैं, अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, उनके प्रेम में हूँ.

वो सब जो लाठियां खा रहे हैं, गालियाँ खा रहे हैं, जेलों में भेजे जा रहे हैं, उन सबके प्रेम में हूँ.

वो जो मेरे आसपास हैं, डरे हैं, सहमे हैं, चुप हैं, कुछ नहीं कहते, उनके प्रेम में हूँ.

वो जो गुस्से में बिफर ही पड़े हैं, हमसे नाराज हो बैठे हैं कि कैसे एक ही पल में उन्हें उनके ही देश में बेगाना कर दिया गया, उनके प्रेम में हूँ

वो रौशनी की नन्ही किरणें जो विशाल अँधेरे के आंगन में कूद जाने बेताब हैं, उनके प्रेम में हूँ.

कि प्रेम में होना ही है साथ होना..

3 comments:

Ravindra Singh Yadav said...

जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (23-12-2019) को "थोड़ी सी है जिन्दगी" (चर्चा अंक 3558 ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं…
*****
रवीन्द्र सिंह यादव




Ravindra Singh Yadav said...

जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (23-12-2019) को "थोड़ी सी है जिन्दगी" (चर्चा अंक 3558 ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं…
*****
रवीन्द्र सिंह यादव




Pammi singh'tripti' said...


जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना ....... ,.25 दिसंबर 2019 के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।