सूरज से चंद किरनें ली उधार. फूलों से ली खुशबू $जरा सी. गुरुओं से लिया आर्शीवाद, किताबों से एक नाता चुना, दोस्तों की शुभकामनाएं, आंखों में ढेर सारे सपने, हौसले थोड़े और जिंदगी के साज पर बज उठा एक राग मेरे होने का. यही तो था वो दिन जब हमने जन्म लिया लेकिन इस जन्मे को सार्थकता देना बाकी है अभी...आधी-अधूरी मुस्कुराहटों के नाम ही सही आज का दिन।
7 comments:
जन्म दिन की बहुत बधाई और शुभकामनाऐं.
ओह..तो आज आपने जन्म लिया था...इतनी सारी चीजें लिए हुए.मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं। उपलब्धियों के शिखर आपका इंतजार कर रहे हैं...
गीताश्री
जन्मदिन की ढेर सारी शुभकामनाएँ..
प्रतिभा जी!
आपको जन्म दिन की बहुत-बहुत बधाई!
जन्म दिन की बहुत बधाई
Many-Many Happy returns of the day !!
मेरे ब्लॉग शब्द सृजन की ओर पर पर पढें-"तिरंगे की 62वीं वर्षगांठ ...विजयी विश्व तिरंगा प्यारा"
प्रतिभा ! आपको ब्लॉग में पाकर बेहद ख़ुशी हुई ........कुछ याद आया .......शिवानी जी के ऊपर तुमने बहुत सुन्दर पढ़ा था ....अब भी नही .......गुलज़ार जी को मिलने आई थी युनिवर्सल .....नही ? मेरे ब्लॉग पर आओ फिर याद आ जाउंगी .
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