मुझे प्यार नहीं चाहिए, मुझे पारस्परिक समझ चाहिए।
मेरे लिए यही प्यार है, और जिसे आप प्रेम की संज्ञा देते
हैं- बलिदान, वफादारी, इर्ष्या, उसे दूसरों के लिए
बचाकर रखिये, किसी दूसरे के लिए।
मुझे यह नहीं चाहिए। सचमुच नहीं।
- मारीना
मेरे लिए यही प्यार है, और जिसे आप प्रेम की संज्ञा देते
हैं- बलिदान, वफादारी, इर्ष्या, उसे दूसरों के लिए
बचाकर रखिये, किसी दूसरे के लिए।
मुझे यह नहीं चाहिए। सचमुच नहीं।
- मारीना
3 comments:
is basant me sarso pili, man vasanti lage re.
priyatam ke bagon ke jhoole, jiyra jahan hai lage re.
kaise kahun main man ki baaten, wo soye main jaagu re...akhileshwar pandey.
इस लफ्ज़ ऐ मुहब्बत का अदना सा फ़साना है,
सिमटे तो दिल आशिक फैले तो ज़माना है.....
an emotional touch of a VERY emotional person ..nice
bahut sundar baat.
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