तब उसके सपने में महक रहा था मेरा होना
वो अपने सपने में सहेज रहा था
इस बड़ी सी दुनिया में मेरा एक छोटा सा कोना
मैं नींद में जब गहरे धंसी हुई थी
बारिश में तर-ब-तर हो रहा था मेरा कोना
खिलखिलाते हुए लाल फूल झाँक रहे थे खिड़की से
मुस्कुरा रही थीं किताबें कॉफ़ी की खुशबू की संगत में
समन्दर की लहरों को छूकर आया था हवा का एक झोंका
सहला रहा था मेरे गाल
वो मेरे चेहरे पर मुस्कुराहटें बो रहा था पूरी लगन से
और मैं नींद में धंसे हुए मुस्कुरा रही थी
मुस्कुरा रही थीं किताबें कॉफ़ी की खुशबू की संगत में
समन्दर की लहरों को छूकर आया था हवा का एक झोंका
सहला रहा था मेरे गाल
वो मेरे चेहरे पर मुस्कुराहटें बो रहा था पूरी लगन से
और मैं नींद में धंसे हुए मुस्कुरा रही थी
मेरे सिरहाने बारिशें, हवा के झोंके, समन्दर की लहरें
चिड़िया की चहक, प्रेमिल साथ
कुल मिलाकर एक सुंदर दुनिया का सपना रखकर
वो चाय बना रहा था
और मैं इन तमाम सौगातों को समेटे
डूबने लगी थी प्रेम की नदी में...
मेरे होंठ बुदबुदा रहे थे उम्मीद
चिड़िया की चहक, प्रेमिल साथ
कुल मिलाकर एक सुंदर दुनिया का सपना रखकर
वो चाय बना रहा था
और मैं इन तमाम सौगातों को समेटे
डूबने लगी थी प्रेम की नदी में...
मेरे होंठ बुदबुदा रहे थे उम्मीद
वो गुनगुना रहा था प्रेम.
मैं जब नींद में थी तब मैं उसके सपने में थी.
(देवयानी के सुपुत्र अनि के लिए)