Sunday, September 29, 2013

उदास मौसमों के विदा की बेला...



बदलने लगा है मौसम
कन्धों पर झरने लगे हैं
गुलाबी ठण्ड के फाहे

सुना है उदास मौसमों के
विदा की बेला है...


7 comments:

Rajendra kumar said...

Bahut hi sundar panktiyan,abhar.

राजेश उत्‍साही said...

तो स्‍वागत कीजिए..शिशिर का

प्रवीण पाण्डेय said...

मन में ठहरे शीतलहरियाँ

Niraj Pal said...

आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है की आपकी यह रचना आज सोमवारीय चर्चा(http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/) में शामिल की गयी है, आभार।

Rajesh Kumari said...

आपकी इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा कल मंगलवार १/१० /१३ को राजेश कुमारी द्वारा चर्चामंच पर की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है।

Dr. sandhya tiwari said...

vaah......bahut sundar....

Dr. sandhya tiwari said...

vaah......bahut sundar....