'यह तुम्हारे लिए एकदम स्वाभाविक है कि तुम न समझो. मैं एक हजार वर्ष और उससे भी अधिक जी चुकी हूं. जो कुछ मैं आज हूं, वह एक हजार वर्ष के अनुभव का परिणाम है. तुम्हारा भूतकाल कुछ नहीं है. तुम्हारे पास वर्तमान ही है और शायद भविष्य भी. मैं शायद इसलिए नहीं कहती कि मुझे इसमें कुछ संदेह है, बल्कि इसलिए कि भविष्य के बारे में निश्चयात्मक रूप से कुछ कहा ही नहीं जा सकता.' नोरा बोली.
ले. लेविस बेचैन होकर बोला- 'अत्यधिक रहस्यवाद.'
'मि. लेविस, देखो,' नोरा बोली. 'पेटरार्च, गेटे, बायरन, पुश्किन और त्रायन से प्रेम की बातें सुनने के बाद रीतिकालीन कवियों से प्रेम के गीत सुनने और उन्हें जैसे ईश्वर के सामने वैसे ही अपने सामने घुटने टेके देखने के बाद वैलरे, रिल्के, दातुनजियो और इलियट से प्रेम के शब्द सुनने के बाद मैं तुम्हारे किसी भी प्रस्ताव पर गंभीरतापूर्वक कैसे विचार कर सकती हूं, जिसे तुम सिगरेट के धुएं के साथ मेरे मुंह पर मारे दे रहे हो.'
'क्या मुझे शादी का प्रस्ताव करने के लिए गेटे, बायरन या पेटरार्च बनना होगा?'
'नहीं, मि. लेविस.' नोरा बोली, 'तुम्हें पुश्किन और रिल्के भी नहीं बनना होगा. लेकिन जिस औरत से तुम शादी करना चाहते हो उससे तुम्हें प्रेम करना होगा.'
'स्वीकार है.' लेविस बोला. 'तुम्हें किसने कहा कि मैं तुम्हें प्यार नहीं करता.'
नोरा मुस्कुरा दी.
'मि. लेविस, प्रेम एक तीव्र भावना है. हो सकता है, तुमने यह बात कहीं सुनी हो, अथवा पढ़ी हो.'
'मैं पूर्णतया सहमत हूं,' वह बोला, 'प्रेम एक तीव्र भावना है. लेकिन तुम किसी भी तीव्र अनुभूति के अयोग्य हो.' नोरा बोली, 'और अकेले तुम्हीं नहीं, तुम्हारी सभ्यता में कोई भी आदमी तीव्र भावना का अर्थ नहीं समझता. प्रेम जैसी सर्वोपरि भावना के लिए केवल ऐसे ही संसार में स्थान हो सकता है, जहां मानव के अनुपम मूल्य में विश्वास किया जा सकता है. तुम्हारा समाज मानता है कि आदमी का स्थान आदमी ले सकता है. तुम्हारी दृष्टि में मानव और इसलिए वह स्त्री भी, जिससे तुम प्रेम करने की बात करते हो, परमात्मा अथवा प्रकृति द्वारा निर्मित एक विशेष व्यक्तित्व नहीं है. एक असाधारण कृति. तुम्हारे लिए हर व्यक्ति एक परंपरा की एक इकाई है, और कोई भी एक औरत दूसरों के समान एक इकाई है. जीवन का यह दृष्टिकोण प्रेम की जड़ काटता है.'
'मेरे संसार के प्रेमी जानते हैं कि यदि वे उस स्त्री को नहीं पा सकते, जिससे वे प्रेम करते हैं तो पृथ्वी पर कोई दूसरी चीज उसी कमी को पूर्ण नहीं कर सकती. यही कारण है कि वे उसके लिए प्राय: अपनी जान दे देते हैं. कोई दूसरी चीज उनके प्रेम की स्थानापन्न नहीं हो सकती. यदि कोई आदमी मुझसे वास्तव में प्रेम करता है तो वह मुझे इस बात का विश्वास दिला देगा कि अकेली मैं ही उसे प्रसन्न कर सकती हूं. संसार भर में एकमात्र मैं अकेली. वह मुझे सिद्ध कर देगा कि मैं अनुपम हूं, संसार में मेरे सदृश और कोई है ही नहीं. एक आदमी जो मुझे यह विश्वास नहीं दिला सकता कि मैं असाधारण, अनुपम हूं, मेरा प्रेमी नहीं है. एक स्त्री जिसे अपने प्रेमी से यह आश्वासन नहीं मिलता, वास्तव में उसकी कोई प्रेमिका नहीं है. जो आदमी मुझसे प्रेम नहीं करता, मैं उससे विवाह नहीं कर सकती.'
'मि. लेविस, क्या तुम मुझमें यह भावना जगा सकते हो? क्या तुम ईमानदारी से यह विश्वास करते हो कि पृथ्वी पर मेरे सदृश कोई दूसरी औरत नहीं? क्या तुम्हें पक्का विश्वास है कि यदि तुम काफी कोशिश करो तब भी तुम्हें कोई मेरे स्थान पर नहीं मिल सकती? नहीं, तुम्हें पूरा भरोसा है कि यदि मैं अस्वीकार कर दूं तो तुम्हें अपनी पत्नी बनाने के लिए कोई दूसरी औरत मिल जायेगी और यदि वह भी अस्वीकार कर दे, तो तीसरी मिल जायेगी. क्या मैं ठीक नहीं कह रही हूं? '
(आलोक श्रीवास्तव के कविता संग्रह 'दिखना तुम सांझ तारे को ' की भूमिका से)