Friday, September 11, 2020

खिलना तो है ही


तेज़ धूप में खिलखिलाते अमलतास कहते हैं 
खिलना तो है ही

काली अंधियारी रात में
मोगरे का महकता उजियारा
कानों में फुसफुसाता है
खिलना तो है ही

तेज़ बारिश में मोटी बूंदों से लड़ते भिड़ते
खिलती कलियां मुस्कुराकर कहती हैं
खिलना तो है ही

जिन्दगी की हर मुश्किल हाथ थाम 
कहती है हिम्मत 
भिड़ना तो है ही...

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