Saturday, April 25, 2020

बीती रात की बारिश और तुम



कल रात बारिश हुई...रात भर...तेज़ नहीं मध्धम बारिश. मैं रात भर भीगती रही...कांपती रही. सुबह को उठी हूँ तो धरती सूखी है, पत्तियों पर, फूलों पर, तितलियों पर कहीं बारिश के नामो निशान नहीं हैं. लेकिन मैं खुद को भीगा हुआ ही महसूस कर रही हूँ. काँप रही हूँ. ज्यादा चाय बनायी है. धूप के करीब बैठकर चाय पी रही हूँ. यूँ कांपना बुरा नहीं है, ठिठुरना भी नहीं अगर धूप के कुछ टुकड़े मेहरबान हो जाएँ. जो थोड़ा सुखा भी दें और थोड़ी नमी रहने भी दें.

जीवन किसी राग सा होता है. उनहू...जीवन तो वैसा ही होता है जैसा होता है. इच्छाएं किसी राग सी होती हैं. कौन सा स्वर कोमल लगना है कौन सा मध्धम, कौन सा स्वर वर्जित है किस राग में और किस पहर में गाना है कोई राग...ऐसा ही तो है इच्छाओं का संसार. कि बस एक जरा सी, बहुत मामूली सी बात से सुख तर-ब-तर कर देता है और उससे भी बेहद मामूली, बेहद जरा सी बात पे हजारों टुकड़ों में बंटकर चकनाचूर भी हो जाता है मन.

राग साधना आसान नहीं...

चिड़ियों की आवाज इन दिनों बड़ा भरोसा बनी हुई हैं. क्या तुम्हारे शहर की चिड़ियाँ भी ऐसा ही मीठा गाती हैं? तुम भागते फिरते थे हमेशा कि तुम्हारे जीवन में स्मृतियों के लिए समय नहीं था. इन दिनों कैसे टालते होगे तुम स्मृतियों को वो आती तो होंगी ही, तुम 'अभी बिजी हूँ बाद में आना' कहकर अब जा तो न पाते होगे.

जब समूची दुनिया एक साथ मृत्यु के भय से दुबककर घरों में कैद है ऐसे में क्या तुम्हारा मुझे याद करना बढ़ गया है? बीती रात बारिश क्या तुमने भेजी थी ? क्या यह बारिश हमारे भीतर की नमी को सहेजने की बारिश थी...इस भरोसे की जल्द ठीक होगा सब और हम मिलेंगे ज्यादा प्यार से भरकर. क्या इस बारिश ने समूची धरती के लोगों को भिगोया होगा?

4 comments:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 25 एप्रिल 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. कब एक दूसरे के वैयक्तिक तल पर,बोलो, गया ध्यान !!
    पर,ठीक उन्हीं भीतरी घाटियों में सहसा
    बहता आया, दोनों की आंखों से ओझल,
    स्नेह का एक निर्झर सुनील !!

    ... लौटते हुए पैरों की ध्वनि यह कहती थी
    जीवन की कितनी है प्रदीर्घ
    कितनी मीठी मानवी छाया !

    मुक्तिबोध

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  3. जय मां हाटेशवरी.......

    आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
    आप की इस रचना का लिंक भी......
    26/04/2020 रविवार को......
    पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
    शामिल किया गया है.....
    आप भी इस हलचल में. .....
    सादर आमंत्रित है......

    अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
    https://www.halchalwith5links.blogspot.com
    धन्यवाद

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