Wednesday, March 6, 2019

वो शाम अब तक ढली नहीं है


एक रोज जब 
तुम्हारे क़दमों की 
लय से लय मिलाते मेरे कदम 
तय कर रहे थे 
जिंदगी का सबसे खूबसूरत सफर 
तो आसपास खिल उठा था 
मुस्कुराहटों का मौसम 

वो शाम अब तक ढली नहीं है
वो लम्हे अब तक महक रहे हैं.



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