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Sunday, September 18, 2011
तेरे अलावा याद हमें सब आते हैं -शहरयार
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वो अक्सर हमसे नाराज रहते हैं. वो हर ख़ुशी में हमें शामिल करते हैं, गम में क्यों नहीं करते. क्यों नहीं छूने देते अपनी तन्हाई. शायर शहरयार को...
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