Tuesday, November 20, 2018
मौसम
वो जो बो कर गए थे न तुम
उदासी के बीज
उनमें निकल आये थे कल्ले
ज्यादा सार संभाल नहीं मांगी उन्होंने
वो बढ़ते रहे धीरे-धीरे
चुपचाप
नवम्बर लगते ही उसमें खिला था पहला फूल
इन दिनों पूरा पेड़
गुलाबी फूलों से भरा है
ये मौसम गुलाबी यूँ ही नहीं हुआ जा रहा.
4 comments:
सुशील कुमार जोशी
November 21, 2018 at 9:58 AM
वाह
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संजय भास्कर
November 21, 2018 at 2:44 PM
एहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
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Onkar
November 21, 2018 at 6:54 PM
बहुत सुन्दर
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अनीता सैनी
November 22, 2018 at 7:35 AM
वाह !!
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वाह
ReplyDeleteएहसास की यह अभिव्यक्ति बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteवाह !!
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