Tuesday, November 14, 2017
जब टूटता है दिल
टूटना
पहाड़ तब नहीं टूटता
जब पहाड़ टूटता है
पहाड़ तब टूटता है
जब टूटता है दिल.
भरना
दिल भर आने से नहीं भर आतीं
सूखी नदियाँ
पोखर
कुएं
बावडी
इनके सूखेपन से
भर आता है दिल.
2 comments:
पुरुषोत्तम कुमार सिन्हा
November 15, 2017 at 1:52 PM
दार्शनिक अभिव्यक्ति.....
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कविता रावत
November 16, 2017 at 4:20 PM
बहुत सुन्दर
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दार्शनिक अभिव्यक्ति.....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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