Sunday, May 8, 2011

सच तो ये है कुसूर अपना है..




सच तो ये है कुसूर अपना है ...
चाँद को छूने की तमन्ना की
आसमा को जमीन पर माँगा 
फूल चाहा कि पत्थरों  पर खिले..
काँटों में की तलाश खुशबू की 
आरजू  की कि आग ठंडक दे 
बर्फ में ढूंढते रहे गर्मी 
ख्वाब जो देखा, चाहा सच हो जाये 
इसकी हमको सजा तो मिलनी थी 
सच तो ये है कुसूर अपना है..

22 comments:

  1. tarkash ke tir seedhe dil main

    ReplyDelete
  2. यदि हृदय धड़कना अपराध है तो अपराध अपना है।

    ReplyDelete
  3. चंद पंक्तियों में समझा दिया कि ज्यादा पाने की चाह में कसूर अपना ही होता है

    ReplyDelete
  4. सच तो ये है कुसूर अपना है..

    बहुत बढिया

    ReplyDelete
  5. चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 10 - 05 - 2011
    को ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..

    http://charchamanch.blogspot.com/

    ReplyDelete
  6. aapko pahali bar padha , sundar laga /
    bahut shaktishali paksh,bhavnaon ka .
    addbhut .../ sadhuvad ji .

    ReplyDelete
  7. प्रतिभा मज़ा आ गया. बहुत खूबसूरत ज़ज्बात.

    ReplyDelete
  8. सच तो ये है कुसूर अपना है ...
    चाँद को छूने की तमन्ना की
    आसमा को जमीन पर माँगा
    फूल चाहा कि पत्थरों पर खिले..haan ye kasoor apna hi hai, bahut achhi rachna

    ReplyDelete
  9. सच तो यह हे की कसूर अपना है "
    वाह ! क्या बात है ? प्रतिभा जी,कभी हमरे अंगना भी आए ...

    ReplyDelete
  10. bahut achchi dil ko choo lene wali rachanaa.badhaai aapko.

    ReplyDelete
  11. bahut hi khoobsurti se aapne apni bat rakhi!
    control urself & desires

    sundar prastuti!

    ReplyDelete
  12. बेशक तमन्नाओं को पालना आसान नहीं होता ...दर्द को बहुत अच्छे से व्यक्त किया आपने ... पर हर सपने की बुनियाद पर ही हकीकत का महल खड़ा होता है इसलिए सपने जरूर देखें

    ReplyDelete
  13. फूल चाहा कि पत्थरों पर खिले..
    काँटों में की तलाश खुशबू की
    आरजू की कि आग ठंडक दे
    बर्फ में ढूंढते रहे गर्मी
    सच तो ये है कुसूर अपना है ... मगर तमन्नाओं बिना भी जीवन अधूरा ही है....!!!
    बहरहाल यह भी सच है कि चाँद को छूने की तमन्ना भी कभी कभी करनी चाहिए.

    ReplyDelete
  14. sach to ye hai kusur apna hai.Mera soubhagay ki tughe dekha pahle PADHA bad me.Jo narm kone har kisi ke dil me rahte hain vo tumhari sanson ke sath hai.

    ReplyDelete
  15. बहुत शुक्रिया माया जी !

    ReplyDelete
  16. प्रतिभा जी, ख्वाहिशें ऐसी ही होती है,
    ये दर्द अब तक मेरे दिल में था.
    मेरे दर्द को आपने इतने खूबसूरत शब्द दिए है कि मै विस्मित हूँ.
    मेरा दर्द कहीं आपके अंदर है,इस नाते आप मेरे बहुत करीब हो गयीं है ........

    ReplyDelete
  17. मर्मस्पर्शी रचना,
    कल्पनाओं का शास्वत संसार शब्दों के माध्यम से आपने साकार कर दिया..

    ReplyDelete
  18. वाव वाव क्या बात है बहुत खूब ...............

    ReplyDelete
  19. Javed akhtar ki rachna h...

    ReplyDelete