सच तो ये है कुसूर अपना है ...
चाँद को छूने की तमन्ना की
आसमा को जमीन पर माँगा
फूल चाहा कि पत्थरों पर खिले..
काँटों में की तलाश खुशबू की
आरजू की कि आग ठंडक दे
बर्फ में ढूंढते रहे गर्मी
ख्वाब जो देखा, चाहा सच हो जाये
इसकी हमको सजा तो मिलनी थी
सच तो ये है कुसूर अपना है..
tarkash ke tir seedhe dil main
ReplyDeleteयदि हृदय धड़कना अपराध है तो अपराध अपना है।
ReplyDeleteचंद पंक्तियों में समझा दिया कि ज्यादा पाने की चाह में कसूर अपना ही होता है
ReplyDeletemasoom khvahishon ki saja...
ReplyDeleteTrue!
ReplyDeleteसच तो ये है कुसूर अपना है..
ReplyDeleteबहुत बढिया
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 10 - 05 - 2011
ReplyDeleteको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
http://charchamanch.blogspot.com/
aapko pahali bar padha , sundar laga /
ReplyDeletebahut shaktishali paksh,bhavnaon ka .
addbhut .../ sadhuvad ji .
प्रतिभा मज़ा आ गया. बहुत खूबसूरत ज़ज्बात.
ReplyDeleteसच तो ये है कुसूर अपना है ...
ReplyDeleteचाँद को छूने की तमन्ना की
आसमा को जमीन पर माँगा
फूल चाहा कि पत्थरों पर खिले..haan ye kasoor apna hi hai, bahut achhi rachna
सच तो यह हे की कसूर अपना है "
ReplyDeleteवाह ! क्या बात है ? प्रतिभा जी,कभी हमरे अंगना भी आए ...
bahut achchi dil ko choo lene wali rachanaa.badhaai aapko.
ReplyDeletebahut hi khoobsurti se aapne apni bat rakhi!
ReplyDeletecontrol urself & desires
sundar prastuti!
बेशक तमन्नाओं को पालना आसान नहीं होता ...दर्द को बहुत अच्छे से व्यक्त किया आपने ... पर हर सपने की बुनियाद पर ही हकीकत का महल खड़ा होता है इसलिए सपने जरूर देखें
ReplyDeleteफूल चाहा कि पत्थरों पर खिले..
ReplyDeleteकाँटों में की तलाश खुशबू की
आरजू की कि आग ठंडक दे
बर्फ में ढूंढते रहे गर्मी
सच तो ये है कुसूर अपना है ... मगर तमन्नाओं बिना भी जीवन अधूरा ही है....!!!
बहरहाल यह भी सच है कि चाँद को छूने की तमन्ना भी कभी कभी करनी चाहिए.
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ReplyDeletesach to ye hai kusur apna hai.Mera soubhagay ki tughe dekha pahle PADHA bad me.Jo narm kone har kisi ke dil me rahte hain vo tumhari sanson ke sath hai.
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया माया जी !
ReplyDeleteप्रतिभा जी, ख्वाहिशें ऐसी ही होती है,
ReplyDeleteये दर्द अब तक मेरे दिल में था.
मेरे दर्द को आपने इतने खूबसूरत शब्द दिए है कि मै विस्मित हूँ.
मेरा दर्द कहीं आपके अंदर है,इस नाते आप मेरे बहुत करीब हो गयीं है ........
मर्मस्पर्शी रचना,
ReplyDeleteकल्पनाओं का शास्वत संसार शब्दों के माध्यम से आपने साकार कर दिया..
वाव वाव क्या बात है बहुत खूब ...............
ReplyDeleteJaved akhtar ki rachna h...
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