Monday, September 14, 2009

सपने

हर किसी को नहीं आते
बेजान बारूद के कणों में
सोयी आग को
सपने नहीं आते
बदी के लिए उठी हुईं
हथेली के पसीने को
सपने नहीं आते
सेल्फों में पड़े
इतिहास ग्रन्थों को
सपने नहीं आते
सपनों के लिए लाजिमी है
झेलने वाले दिलों का होना
सपनों के लिए
नींद की न$जर होनी लाजमी है
सपने इसलिए
हर किसी को नहीं आते।
-पाश

5 comments:

  1. sapno ke liye ek alag nazar chahiye. ye nazar dil ki pagdandi se hokar jati hai.khuli aakhoo se bhi sapne dakhe jate hai.
    kavita padhwane ke liye Thanks

    Rohit Kaushik

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  2. सपनों के लिए लाज़िमी है दिलों का होना.
    सपनें वास्तव में आने बंद हो गये.
    दिल सिस्टम के भेडिये खा गये जो इक नाज़ुक मिज़ाज़ शायर का था जो कभी लिखता था-
    मेरे हाथों से अब तक महक ना गई,
    उनकी ज़ुल्फ़ों को छेड़े ज़माने हुए.

    अब ऐसी ग़ज़लें लिखना नामुमकिन हो गया.
    आप के ब्लाग पर संज़ीदा रचनायें पढ़ने को मिलती हैं इसी वज़ह से आपकी अंज़ुमन में आने की आदत पढ़ गयी है.
    अपनी कलम से ज़रूरतमंदों की हौसला अफ़ज़ाई करती रहें.अहमदाबाद से आने के बाद एम.ए.बी.ए. की क्लासों में जाना छूट चुका अब बस ब्लागों की ही सहारा है.

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  3. सपनों के लिए

    नींद की नजर होनी लाजमी है ..theek baat..

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  4. sab se khatarnaak hota hai hamaare sapno ka mar jana.....pash

    beautiful......

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  5. बिल्कुल सही है सपनो के लिये नीन्द का होना बहुत ही जरुरी है ......अतिसुन्दर

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