खामोशी है ताकत
मुझे बताते हैं पेड़
और गहराई
मुझे बताती हैं जड़ें
और शुद्धता मुझे बताता है आटा।
किसी पेड़ ने नहीं कहा मुझसे
कि मैं सबसे ऊंचा हूं
किसी जड़ ने भी नहीं कहा मुझसे
कि मैं आती हूं
सबसे अधिक गहराई से
और कभी नहीं कहा
रोटी ने
कि कुछ भी नहीं है
रोटी जैसा।
- पाब्लो नेरूदा
बेहद खुबसूरत रचना...........बहुत बहुत बधाई!
ReplyDeleteकि कुछ भी नहीं है रोटी जैसा ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर
बहुत सहज और गहरी कविता है, यही तो पाब्लो की खूबी है।
ReplyDeleteबेहद खुबसूरत रचना........
ReplyDeleteउत्तम रचना.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना है.....सादगी से भरपूर
ReplyDeleteपाब्लो जी की बेहतरीन प्यारी रचना पढवाने के लिए शुक्रिया।
ReplyDeleteबहुत सादी और सीधी कविता ..
ReplyDeleteनेरूदा की यह कविता खामोशी की ताकत को बयान करती है ।
ReplyDeleteइस अनूठी कल्पना के लिए बधाई!
ReplyDeleteसुन्दर !
ReplyDeletekhokhle aadarshwad se bahut door hai ye kavita.Insan es kavita jaisa kyo nahi ho sakta.
ReplyDeleteRohit Kaushik