आओ
बीहड़ और कठिन
सुदूर यात्रा पर चलें
आओ ,
क्योंकि छिछला
निरुद्देश्य जीवन
हमें स्वीकार नहीं।
हम ऊंघते,
कलम घिसते हुए
उत्पीडऩ और लाचारी
में नहीं जियेंगे।
हम
आकांक्षा, आक्रोश, आवेग
और अभिमान से जियेंगे
असली इनसान की तरह।
- कार्ल मार्क्स
बीहड़ और कठिन
सुदूर यात्रा पर चलें
आओ ,
क्योंकि छिछला
निरुद्देश्य जीवन
हमें स्वीकार नहीं।
हम ऊंघते,
कलम घिसते हुए
उत्पीडऩ और लाचारी
में नहीं जियेंगे।
हम
आकांक्षा, आक्रोश, आवेग
और अभिमान से जियेंगे
असली इनसान की तरह।
- कार्ल मार्क्स
जीवन की प्रेरणा का स्रोत!
ReplyDeleteसतत सुंदर प्रण.
ReplyDeleteसाम्यवाद के पितामह की कविता सामने लाने के लिए साधुवाद.
ReplyDeleteप्रमोद ताम्बट
भोपाल
www.vyangya.blog.co.in
जीवन की अमूल्य प्रेरणा को हमारे सामने प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद..............
ReplyDeleteजीवन की सार्थक प्रेरणा धन्यवाद्
ReplyDeleteइस प्रेरणापूर्ण रचना के लिए धन्यवाद .
ReplyDeletethanx.........for this lines
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