nice one!!!!!!
बहुत उम्दा!!
रात भर एक ख्याल सुलगता रहारात भर एक रिश्ता आंखों में पलता रहारात भर मन मोम सा पिघलता रहाऔर रात पूरी उम्र में ढलती रही... मुक्तक तो बहुत बढ़िया है,इसे इस प्रकार भी कह सकत्ते है-रात भर ख्वाब मस्तक में चलता रहाएक सम्बन्ध आंखों में पलता रहारात पूरी खयालों में ढलती रही... मन मृदुल मोम सा बन पिघलता रहाभाव तो आपके ही है,बहिन गुस्ताखी माफ करना।
Bahut sundar bhavabhivyakti..badhai !!
nice..........
nice one!!!!!!
ReplyDeleteबहुत उम्दा!!
ReplyDeleteरात भर एक ख्याल सुलगता रहा
ReplyDeleteरात भर एक रिश्ता आंखों में पलता रहा
रात भर मन मोम सा पिघलता रहा
और रात पूरी उम्र में ढलती रही...
मुक्तक तो बहुत बढ़िया है,
इसे इस प्रकार भी कह सकत्ते है-
रात भर ख्वाब मस्तक में चलता रहा
एक सम्बन्ध आंखों में पलता रहा
रात पूरी खयालों में ढलती रही...
मन मृदुल मोम सा बन पिघलता रहा
भाव तो आपके ही है,
बहिन गुस्ताखी माफ करना।
Bahut sundar bhavabhivyakti..badhai !!
ReplyDeletenice..........
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