“आप उसे फोन करें
तो कोई ज़रूरी नहीं
कि उसका फोन खाली हो
हो सकता है उस वक्त वह
चाँद से बतिया रही हो
या तारों को फोन लगा रही हो
वह थोड़ा धीरे बोल रही है सम्भव
वह थोड़ा धीरे बोल रही है सम्भव
है इस वक्त वह किसी भौंरे से
कह रही हो अपना संदेश
हो सकता है वह लम्बी, बहुत लम्बी
बातों में मशगूल हो
हो सकता है एक कटा पेड़
कटने पर होने वाले
अपने दुखों का उससे कर रहा हो बयान
बाणों से विंधा पखेरू मरने के पूर्व
बाणों से विंधा पखेरू मरने के पूर्व
उससे अपनी अंतिम बात कह रहा हो
आप फोन करें तो हो सकता है
आप फोन करें तो हो सकता है
एक मोहक गीत आपको थोड़ी देर
चकमा दे और थोड़ी देर बाद में
नेटवर्क बिजी बताने लगे
यह भी हो सकता है
एक छली उसके मोबाइल पर
फेंक रहा हो छल का पासा
पर यह भी हो सकता है कि
पर यह भी हो सकता है कि
एक फूल उससे कांटे से होने वाली
अपनी रोज रोज की लड़ाई के बारे में
बतिया रहा हो या कि रामगिरी पर्वत से चल
कोई हवा उसके फोन से होकर आ रही हो
या कि चातक, चकवा, चकोर
उसे बार बार फोन कर रहे हों
यह भी सम्भव है कि कोई गृहणी
यह भी सम्भव है कि कोई गृहणी
रोटी बनाते वक़्त भी उससे बातें करने का
लोभ संवरणन कर पाये
और आपके फोन से
उसका फोन टकराये
आपका फोन कट जाये
हो सकता है उसका फोन
हो सकता है उसका फोन
आपसे ज़्यादा उस बच्चे के लिए ज़रूरी हो
जो उसके साथ हंस हंसमलय नील में
बदल जाना चाहता हो
वह गा रही हो किसी साहिल का गीत
या हो सकता है कोई साहिल
उसकेफोन पर, गा रहा हो उसके लिए प्रेमगीत
या कि कोई पपीहाकर रहा हो
या कि कोई पपीहाकर रहा हो
उसके फोन परपीऊ पीऊ
आप फोन करें तो कोई ज़रूरी नहीं
कि उसका फोन खाली हो।”
डाक्टर बद्री नारायण की यह कविता मैंने
सुनी थी उनसे ही। लखनऊ के प्रेस क्लब
में उनहोंने कई कवितायें सुनाई थीं यह मेरे
साथ हो ली। इसका एक कारन यह भी
हो सकता है की इसे मैं पूरा नोट कर पाई थी।
डॉ बद्री ऐसी कवि हैं जिन्हें बिना ज्यादा पढ़े ही
मैं उनकी फैन हूँ ....
सुनी थी उनसे ही। लखनऊ के प्रेस क्लब
में उनहोंने कई कवितायें सुनाई थीं यह मेरे
साथ हो ली। इसका एक कारन यह भी
हो सकता है की इसे मैं पूरा नोट कर पाई थी।
डॉ बद्री ऐसी कवि हैं जिन्हें बिना ज्यादा पढ़े ही
मैं उनकी फैन हूँ ....
good one !! nice thought
ReplyDeleteredgs
Nishant