Sunday, April 19, 2015

हमेशा देर कर देता हूं मैं...


हमेशा देर कर देता हूं मैं हर काम करने में
ज़रूरी बात कहनी हो, कोई वादा निभाना हो
उसे आवाज़ देनी हो उसे वापस बुलाना हो
हमेशा देर कर देता हूं मैं...

मदद करनी हो उस की यार की ढाढस बंधाना हो
बहुत ही दूर रस्तों पर किसी से मिलने जाना हो
हमेशा देर कर देता हूं मैं...

किसी को मौत से पहले किसी ग़म से बचाना हो
हक़ीकत और थी कुछ उस को जा के ये बताना हो
हमेशा देर कर देता हूं मैं...

- मुनीर नियाज़ी 

No comments:

Post a Comment