कहने को तो बहुत रहा - विनोद कुमार शुक्ल
कहने को तो बहुत रहा
इतने दिनों
कि अभी तक
उसका कभी आना
याद नहीं
और उसका जाना
बार- बार याद आता है
कि अभी उसका जाना हुआ
उससे सब कहने को
कहने को तो कह दिया
जो उसके पीछे चला गया
पर उसे पुकारना रह गया
वह हमेशा
मेरे साथ
यहीं, दहलीज़ पर रह गया.
(शुक्रवार से साभार)
जाने वाले कुछ छोड़ जाते हैं यहाँ...
ReplyDeleteपर उसे पुकारना रह गया
ReplyDeleteवह हमेशा
मेरे साथ
यहीं, दहलीज़ पर रह गया.kitna saral lekin adbhut.
खूबसूरत एहसास, शुक्रिया पढ़वाने का
ReplyDeleteहाथी आगे आगे चलता था, हाथी जितनी जगह पीछे पीछे छूटती जाती थी.
ReplyDeletebahut sundar.....!!thanks for sharing.
ReplyDeleteusne sab kahne ko kahne ko kah diya,jo uske peeche chala gaya
ReplyDeletepar use pukarna rah gaya
EK SUNDAR RACHNA
अदभुद एहसास....
ReplyDeleteसांझा करने के लिए शुक्रिया..