लुई पाश्चर का पत्र मेरी लॉरेंट के नाम
(लुई पाश्चर: बीमारियां कीटाणुओं से फैलती हैं- जिसने सबसे पहले यह पता लगाया वह विश्वप्रसिद्ध वैज्ञानिक)
डियर मादाम,
दो दिन में मेरी सारी जिंदगी ही बदल गई है। मेरा भविष्य, मेरी खुशी सब तुम्हारे हाथों में है। एक बात का मुझे दु:ख है और बहुत दु:ख है कि मैं तुम्हारे काबिल नहीं हूं। तुम मुझे किस कारण पसंद करती हो यह तो नहीं पता लेकिन मैं नहीं चाहता कि तुम्हें आगे जाकर अपने फैसले पर पछतावा करना पड़े. वैसे मेरा दिल तुम्हारे प्यार से भरा हुआ है, इसके बावजूद मैं यह मानता हूं कि मैं तुम्हारे लायक नहीं. मैं तुम्हारे दु:ख का कारण नहीं बनना चाहता.वैसे, मैं जिंदगी भर के लिए तुमसे और विज्ञान से बंध चुका हूं. इस सच्चाई को अब कोई नहीं बदल सकता.
तुम्हारालुई
(पाश्चर जिन वैज्ञानिक के अधीन रिसर्च कर रहा था, मेरी उन्हीं की लड़की थी। काफी मुश्किलों के बाद मेरी और पाश्चर का विवाह हो गया।)
चेखव का पत्र लीडिया के नाम
(चेखव: दुनिया के दो सबसे बड़े कहानीकारों में से एक...रूस का वह महानतम लेखक, जिसने शोषित जनता के हक में अपनी कलम को तलवार बना लिया)२७ मार्च १८९४याल्ता
मधुर लीका,
पत्र के लिए धन्यवाद! यद्यपि तुम यह कहकर मुझे डराना चाहती हो कि तुम जल्दी ही मर जाओगी और मुझे ताना मारती हो कि मैं तुम्हें छोड़ दूंगा, फिर भी तुम्हें धन्यवाद! मैं अच्छी तरह जानता हूं कि तुम मरोगी नहीं और कोई तुम्हें छोड़ेगा नहीं। मैं याल्टा में हूं और खूब मजे कर रहा हूं। नाटकों की रिहर्सल देखने और खूबसूरत फूलों से भरे बागीचों में अपना ज्यादातर वक्त बिताता हूं। भरपेट, मनपसंद खाना खाता हूं और संगीत सुनता हूं। प्यारी लीका याल्टा में बसंत देखना अलग ही अनुभव है. लेकिन एक ख्याल मेरा साथ कभी नहीं छोड़ता कि मुझे लिखना चाहिए...मुझे लिखना चाहिए....मुझे लिखना चाहिए...तुम्हारी याद मुझे आती है लेकिन मैं उदास नहीं हूं.तुम अगर पत्र डालकर मेरी आदत बिगाडऩा चाहो तो पत्र मिलिखोव भेजो. मैं यहां के बाद वहीं पहुंचूंगा और वादा करता हूं कि तुम्हारे पत्रों का जवाब दूंगा. मैं तुम्हारे दोनों हाथों को चूमता हूं।
तुम्हारा अंतेन चैखव
प्रेम पत्रों की श्रृंखला जारी.....
shukriya yahan share karne ke liye
ReplyDeleteआपके फोन के बाद इस ब्लाग पर आया। अच्छा लगा। आप मारीना की कविताएं अनुवाद और अंग्रेजी मूल दोनों, मेरे ई-मेल पर भेजें - अनुनाद आपका स्वागत करेगा! कवि के बारे ऐं एक छोटी टिप्पणी भी हो तो और अच्छा रहेगा।
ReplyDeletehi, this is really gud collction. i hope n waiting ur next...
ReplyDeleterajendra umrao.
prasansniye kam. dhanyawad.
ReplyDeleteदिलचस्प है ..खासा दिलचस्प ..अलबत्ता प्रेम पात्र ठेठ वैज्ञानिक है....बिना रूमानियत लिए ...
ReplyDeleteज़रा अम्रिता प्रीतम के खत भी खँगालिये,इमरोज़ के नाम.
ReplyDeleteवैसे बेचारे गुमनाम प्रेमी भी मामूली खत नहीँ लिखते जी.
यूँ आपका शुक्रिया.
Dheeraj rakhiye sir, bas dekhte jaiye. abhi is khajane men bahut kuch hai...aam aadmi bhi...
ReplyDeleteबहुत ही प्यारे प्रेम पत्र हैं ....
ReplyDeleteमेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
chalo hamen bhi adha diye aapne ve patr jinke baare men kabhi socha bhi na tha
ReplyDeletevijay
शुक्रिया इन पत्रों को पढ़वाने का!
ReplyDeleteयूँ कि मैंने भी कहना था कि आपका यह प्रयास बड़ा ही सराहनीय है.....शायद इन सबसे धरती पर प्रेम बच सके....और मैं प्रेम में बड़ा ही उत्सुक हूँ....कि वाकई धरती पर प्रेम बच भी पायेगा.....या सिर्फ धोखाधडी ही आदमी का धर्म.....और प्रेम के नाम पर सेक्स का कर्म.......!!!!
ReplyDeleteमजा आ गया आपके ब्लॉग पर आकर.
ReplyDeleteआज की एसएमएस पीढी के लिए काफी प्रेरणादायक हैं ये पत्र
इन खास लोगों का प्रेम भी शायद खास ही रहा होगा. चेखव लिखते हैं- तुम्हारी याद आती है पर मैं उदास नहीं हूँ. एक व्यापक विजन वाला इतना बड़ा कथाकार अपने प्यार से भी खेलता दिख रहा है. उसके पास याद करने का वक़्त हो या न हो, लेकिन फूलों के बीच मज़े करते हुए प्रेमिका को याद करना, एक कथा को बुनने से कम नहीं है. ये पत्र वाकई महत्वपूर्ण हैं. आम लोगों के पत्रों का इंतजार रहेगा.
ReplyDeleteक्या बात है, इतने सारे प्रेम पत्र और वो भी बड़े बड़े नामों की तरफ से। अच्छा लगा, ऐसा ही एक प्रेम पत्र हमने भी लिखा था प्रीटी वूमेन के नाम।
ReplyDeleteरोचक आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ ..यहाँ तो प्रेम का खजाना है .इसको शेयर करने के लिए शुक्रिया
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