tag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post8431437786046210021..comments2024-03-18T16:43:16.650+05:30Comments on प्रतिभा की दुनिया ...: महिलाओं के सम्मान का नाटक फिर से - करवाचौथ के बहाने Pratibha Katiyarhttp://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-90614636866947871352016-10-19T02:04:52.742+05:302016-10-19T02:04:52.742+05:30जड़ें गहरी हैं इन व्यवस्थाओं की... ! उत्तराखंड सरका...जड़ें गहरी हैं इन व्यवस्थाओं की... ! उत्तराखंड सरकार ने जो निर्णय लिया वह शायद ही इस सोच के साथ लिया गया हो,महिलाओं का राजनितिक इस्तेमाल करने की सोच रही होगी। जो आप बात कह रही हैं वह सही है सोला आने। मुझे नहीं लगता सरकारें इतनी गहरी समझ रखती हैं। यदि सरकारें इस समझ के साथ ये काम करती तो निश्चित ही कोई न कोई विरोधी दल उसके खिलाफ खड़ा होता राजनीतिक फ़ायदा ही लेने के लिए सही ।सरकारों के पास इसकी समझ नहीं। सरकार और समाज तो छोड़िये वायुमंडल में पितृसत्ता घर कर गयी है। बलि हमेशा उत्सव के आवरण में ढक के ली जाती है। ANHAD NAADhttps://www.blogger.com/profile/16139340655883531008noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-50612576155916050002016-10-18T22:56:46.730+05:302016-10-18T22:56:46.730+05:30एकदम सही, यही होता आया है, कैसे महिला सशक्तिकरण हो...एकदम सही, यही होता आया है, कैसे महिला सशक्तिकरण होगा। क्या यही महिला का सम्मान है? जायज सवाल पर शायद ही सब इस तरीके के खेल को समझ सकते है। सब अपने उसी सोंच में जकड़े रहने में अपनी भलाई समझते है जिन्हें कुछ लोग सहभागी बनाने का निश्चय कर लेते है ।प्रभातhttps://www.blogger.com/profile/03415206900211251761noreply@blogger.com