tag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post7333801722154377872..comments2024-03-18T16:43:16.650+05:30Comments on प्रतिभा की दुनिया ...: डुबकियाँ Pratibha Katiyarhttp://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-71590059101079591472021-08-29T18:21:59.815+05:302021-08-29T18:21:59.815+05:30संवाद स्थगित हों तो असल संवाद शुरू होता है
दृश्य ...संवाद स्थगित हों तो असल संवाद शुरू होता है <br />दृश्य स्थगित हों तो कितना कुछ दिखना शुरू होता है.<br /><br />एक दम सटीक बात। कई बार सोशल मीडिया के शोर में हम इतने डूब जाते हैं कि खुद की आवाज को भूल जाते हैं। कई बार सब रोको तो असल में चीजें चलने लगती हैं। विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.com