Sunday, February 24, 2019

सुर और शब्दों की संगत ने यादगार बनायी शाम



देश दुनिया के हालात मन बेचैन करने को उतावले थे ऐसे में कुछ पल को कविता की छांव में रख देने को जी चाहा तो 'क' से कविता की 34 वीं बैठक में ठौर मिला. इस बार की बैठक के संयोजन की जिम्मेदारी ली थी सप्तक कॉलेज ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स की निदेशक स्वाति सिंह ने. बैठक हेतु प्रेम और इंसानियत के इर्द-गिर्द कवितायें पढ़ने का मन बना.

बैठक का आगाज़ रमन नौटियाल ने 'क' से कविता की बैठक की शुरुआत से लेकर अब तक की यात्रा और उद्देश्य के बारे में संक्षिप्त जानकारी देने और सभी का एक-दूसरे से परिचय देकर हुआ. कार्यक्रम में रामधारी सिंह दिनकर, कबीर, बशीर बद्र, केदारनाथ सिंह, केदारनाथ अग्रवाल, अश्वघोष, माखनलाल चतुर्वेदी, गीत चतुर्वेदी, गुलज़ार, पुष्कर, दुष्यंत कुमार, बहादुर शाह ज़फर, सुमित्रानंदन पंत, आशुतोष, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, अकबर इलाहाबादी, नज़ीर, शबीह अब्बास, मज़रूह सुल्तान पुरी, इंदीवर आदि कवियों व गीतकारों की रचनायें साझा की गयीं. अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम भजन भी सुना और पुलवामा के शहीदों को स्मृति नमन भी किया. इस मौके पर नामवर जी को भी याद किया गया. संगीत की संगत थी तो बहुत से गीत तरन्नुम में प्रस्तुत किये गए.
कार्यक्रम में तूलिका, तनिष्का, शैलजा सहित कक्षा 2 में पढ़ने वाले  पार्थ सारथी जैसे नन्हे साथियो ने भी अपनी प्रिय कवितायेँ सुनायीं.

इस बार की बैठक में सतेंद्र शर्मा, हृदयेश जोशी, प्रवीण भट्ट, दीपिका पांथरी, आसिम चौधरी, रिया शर्मा, कुसुम भट्ट, नीरज डंगवाल आदि नए दोस्त भी 'क' से कविता परिवार का हिस्सा बने.


वक़्त खत्म होता जा रहा था लेकिन बैठक समेटने का किसी का मन नहीं हो रहा था. कुछ पल की सही राहत तो थी इस बैठक में और थे ढेर सारे सपने इस धरती को कविताओं से, प्रेम से, सौंदर्य से, संगीत से भर देने के.

गीता गैरोला जी ने सभी साथियों का आभार प्रकट करते हुए आने वाली बैठकों को और बेहतर करने और नए युवा साथियो को जोड़ने की बात कहते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा की. 

1 comment:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-02-2019) को "अपने घर में सम्भल कर रहिए" (चर्चा अंक-3259) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'