tag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post6001683796153636499..comments2024-03-18T16:43:16.650+05:30Comments on प्रतिभा की दुनिया ...: रुकना मार्खेज की कलम काPratibha Katiyarhttp://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-64245273626397214022009-04-09T20:29:00.000+05:302009-04-09T20:29:00.000+05:30यूं भी लिखना सिर्फ शब्दों का कागजों पर बैठना भर तो...यूं भी लिखना सिर्फ शब्दों का कागजों पर बैठना भर तो नहीं होता।<BR/>बहुत अच्छा लिखा है आपने , वो सुख दुःख की अनुभूति सब कुछ तो लिखने वाले के सीने से गुजरा है |शारदा अरोराhttps://www.blogger.com/profile/06240128734388267371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-15795340259198635472009-04-09T16:33:00.000+05:302009-04-09T16:33:00.000+05:30'लिखना सुख की अनुभूति तो है ही लिखना लंबी, घनी यात...'लिखना सुख की अनुभूति तो है ही लिखना लंबी, घनी यातना से गुजरना भी है.'<BR/><BR/>मुनव्वर राणा याद आते हैं-<BR/>"हमने शब्दों को बरतने में लहू थूक दिया,<BR/>तूम तो यह देखोगे कि मेरी गजल कैसी है?"आशीष कुमार 'अंशु'https://www.blogger.com/profile/12024916196334773939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-75767049708434259032009-04-09T14:59:00.000+05:302009-04-09T14:59:00.000+05:30शायद आपके ब्लॉग पर पहली बार आई हूँ व लेखक का नाम ह...शायद आपके ब्लॉग पर पहली बार आई हूँ व लेखक का नाम ही मुझे खींच लाया।<BR/>यह खबर सुनकर मुझे भी दुख हो रहा है। अभी उनकी जिन पुस्तकों के नाम याद आ रहे हैं वे हैं,Collected Stories,100 Years of solitude व Love in the Time of Cholera. अपनी कहानियों व उससे भी अधिक अपनी भाषा की जादू से वे किसी भी पाठक को बाँध लेते हैं। ऐसे लेखक पाठकों के मन में बसते हैं।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.com