tag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post2355698278620195713..comments2024-03-18T16:43:16.650+05:30Comments on प्रतिभा की दुनिया ...: प्रेम पत्रPratibha Katiyarhttp://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-17262820175689677322012-02-27T12:12:40.007+05:302012-02-27T12:12:40.007+05:30लिखा है प्रेम पत्र में कि
इन दिनों कलेजा छलनी नहीं...लिखा है प्रेम पत्र में कि<br />इन दिनों कलेजा छलनी नहीं होता <br />किसी तलवार से<br />न जाने कैसे छूट गया लिखना कि <br />मेरे दु:ख को मत छूना<br />वर्ना कट जायेगा तुम्हारा हाथ<br />प्रेम पत्रों में लिखा होता है सब कुछ<br />बस नहीं लिखा होता है प्रेम ...<br />...<br />बहुत कुछ छूटा ही रहता है ...मेरे दुःख को चुपचाप सोने दो ...वो जगा तो मुझे यकीन है दुनिया जल जायेगी !<br />जब भी उदास होने का मन करे ...तो कम से एक और दुनिया है जहाँ आया जा सकता है ..और सुकून से बैठ कर रो लिया जा सकता है.आनंदhttps://www.blogger.com/profile/06563691497895539693noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-81241525649761606252012-02-16T10:16:10.807+05:302012-02-16T10:16:10.807+05:30सही है। आजकल प्रेम पत्रों में (अगर कोई लिखता भी हो...सही है। आजकल प्रेम पत्रों में (अगर कोई लिखता भी हो, या यूं कहें प्रेम ई-मेलों या प्रेम एसएमएस) में सब कुछ होता है, बस प्रेम ही नहीं होता। क्योंकि प्रेम तो एक ऐसा एहसास है जो लफ्जों में बयां नहीं होता.. सुंदर कविता प्रतिभा जीदीपिका रानीhttps://www.blogger.com/profile/12986060603619371005noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-91431592053030548012012-02-16T08:49:43.665+05:302012-02-16T08:49:43.665+05:30अधूरे रह जाते हैं प्रेमपत्र अक्सर जैसे अधूरी दास्त...अधूरे रह जाते हैं प्रेमपत्र अक्सर जैसे अधूरी दास्तानें !<br />प्रेम का तो पहला अक्षर ही अधूरा है , पूरा कैसे होगा !<br />भावनात्मक प्रस्तुति !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-10985531492301908082012-02-14T16:59:27.876+05:302012-02-14T16:59:27.876+05:30वाह ...एक अनूठी पेशकश ..जहाँ इस में प्रेम कि अभिव्...वाह ...एक अनूठी पेशकश ..जहाँ इस में प्रेम कि अभिव्यक्ति हैं वही दर्द भी हैं ...और अधूरे सपने भी ....जिंदगी से सच का सामना भी ....बहुत खूबAnju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-89342669607409492512012-02-14T13:09:42.937+05:302012-02-14T13:09:42.937+05:30क्योंकि प्रेम लिखने से पहले, एक मौन की नदी गुजरती ...क्योंकि प्रेम लिखने से पहले, एक मौन की नदी गुजरती है ..मैं इस वाक्य में बहुत कुछ ढूंढ रहा हूं। मैं इसे जाने कितने अर्थों में लिपटी कविता कहूंगा। हर एक पाठक अपने तरीके से अर्थ निकाल सकता है। शुक्रिया।Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttps://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-47453648038296643742012-02-13T23:32:21.932+05:302012-02-13T23:32:21.932+05:30लिखा है प्रेम पत्र में कि
इन दिनों कलेजा छलनी नहीं...लिखा है प्रेम पत्र में कि<br />इन दिनों कलेजा छलनी नहीं होता <br />किसी तलवार से<br />न जाने कैसे छूट गया लिखना कि <br />मेरे दु:ख को मत छूना<br />वर्ना कट जायेगा तुम्हारा हाथ<br />प्रेम पत्रों में लिखा होता है सब कुछ<br />बस नहीं लिखा होता है प्रेम ......sach haiSwapnranghttps://www.blogger.com/profile/14155412208682693254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-44944556992684469962012-02-13T21:52:48.361+05:302012-02-13T21:52:48.361+05:30संभावनाओं के न जाने कितने बिखरे अंश छिपे रहते हैं,...संभावनाओं के न जाने कितने बिखरे अंश छिपे रहते हैं, प्रेम पत्र में..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-2376751271680212452012-02-13T21:18:44.363+05:302012-02-13T21:18:44.363+05:30पूनम जी, दिल से दिल को राह होती है इतना ही कह सकती...पूनम जी, दिल से दिल को राह होती है इतना ही कह सकती हूँ...स्नेह बनाये रखिये बस.<br />तूलिका तुम्हें क्या कहूं...तुम बस प्यार कहने से खुश होती हो....बहुत प्यार...! <br />निधि, अनुपमा जी और राजेश जी...हमने दिल की बात कही थी आपको अच्छी लगी तो कविता हो गई....Pratibha Katiyarhttps://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-16876940703786980552012-02-13T20:58:58.956+05:302012-02-13T20:58:58.956+05:30मुबारक हो प्रतिभा....
आपकी ये रचना आज ही सुबह मैंन...मुबारक हो प्रतिभा....<br />आपकी ये रचना आज ही सुबह मैंने 'दैनिक-जागरण' में पढ़ी.....!<br /><br />"मेरे दु:ख को मत छूना<br />वर्ना कट जायेगा तुम्हारा हाथ<br />प्रेम पत्रों में लिखा होता है सब कुछ<br />बस नहीं लिखा होता है प्रेम" <br /><br />अक्सर ऐसे ही होते थे (हैं) प्रेम पत्र...<br />जिसमें 'प्रेम' के अलावा सब लिखा जाता था(है)..!<br />न जाने कितनी भूली-बिसरी यादें <br />बिना दस्तक दिए जेहन में एकाएक घुस गयीं !<br />एक अजीब सा जुड़ाव पाती हूँ खुद का <br />आपकी सभी रचनाओं से....!!<br />आपको पढ़ने के बाद हमेशा ही कहीं खो देना पड़ता है खुद को कुछ देर के लिए...<br />क्यूँ ...?? पता नहीं...??<br />और शायद पता भी है..............***Punam***https://www.blogger.com/profile/01924785129940767667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-15773208356940560102012-02-13T18:56:32.755+05:302012-02-13T18:56:32.755+05:30अधूरे ही रह जाते हैं प्रेम पत्र अक्सर
जैसे अधूरी र...अधूरे ही रह जाते हैं प्रेम पत्र अक्सर<br />जैसे अधूरी रह जाती हैं प्रेम की दास्तानें...<br />अधूरेपन की एक पूरी दास्तान ......लेखक को बधाईTulika Sharmahttps://www.blogger.com/profile/17357400542674169759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-24712569169691994902012-02-13T18:24:42.457+05:302012-02-13T18:24:42.457+05:30dil ke sundar bhaavon ko ukera hai kavita me.bahut...dil ke sundar bhaavon ko ukera hai kavita me.bahut khoob.Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-74697771616673219502012-02-13T17:15:25.657+05:302012-02-13T17:15:25.657+05:30एक मौन की नदी गुजरती है
और बहा ले जाती है समूचा पत...एक मौन की नदी गुजरती है<br />और बहा ले जाती है समूचा पत्र<br />अधूरा ही रह जाता है... प्रेम का अंकन प्रेम की तरह... जिस तरह आधा ही होता है चाँद अक्सर वैसे ही आधी अधूरी ही रह जाती हैं अभिव्यक्तियाँ... जिसे पूरा कर सकता है तो केवल मौन 'गर नदी बन कर बहा न ले जाए सब... बस ठहर जाए और व्यक्त होने दे मौन में मौन को... प्रेम मौन ही तो होता है!!!<br /><br />बेहद सुन्दर!अनुपमा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/09963916203008376590noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3177714620156318654.post-3610949259706280392012-02-13T17:08:12.967+05:302012-02-13T17:08:12.967+05:30त्रासदी यही है कि ...अच्छी चीज़ें अक्सर अधूरी ही रह...त्रासदी यही है कि ...अच्छी चीज़ें अक्सर अधूरी ही रह जाती हैं.....Nidhihttps://www.blogger.com/profile/07970567336477182703noreply@blogger.com